आज सिंधु में ज्वार उठा है / अटल बिहारी वाजपेयी

atal bihari bajpei

“अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता ‘आज सिंधु में ज्वार उठा है’ में राष्ट्रीयता, साहस और भारतीय संस्कृति की महत्ता को दर्शाया गया है। यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हम अपने देश की अखंडता और गरिमा के लिए सदा तत्पर रहें। पढ़ें और जानें इस अद्भुत रचना के गूढ़ अर्थ।” आज सिंधु में … Read more

कारगिल विजय दिवस पर कविता (16 दिसम्बर)

atal bihari bajpei

आज सिंधु में ज्वार उठा है आज सिंधु में ज्वार उठा है, नगपति फिर ललकार उठा है, कुरुक्षेत्र के कण-कण से फिर, पांचजन्य हुंकार उठा है। शत-शत आघातों को सहकर, जीवित हिंदुस्तान हमारा, जग के मस्तक पर रोली-सा, शोभित हिंदुस्तान हमारा । दुनिया का इतिहास पूछता, रोम कहाँ, यूनान कहाँ है ? घर-घर में शुभ … Read more

कारगिल के वीर जवान

भारत के वीर सैनिकों का गुणगान।

मीत देश वंदन की ख्वाहिश

मीत देश वंदन की ख्वाहिश धरती पर पानी जब बरसेमनभावों की नदियाँ हरषे।नमन् शहीदों को ही करलें,छोड़ो सुजन पुरानी खारिश।मीत देश वंदन की ख्वाहिश। आज नेत्र आँसू गागर है,यादें करगिल से सागर है।वतन हितैषी फौजी टोली,कर्गिल घाटी नेहिल बारिश,मीत देश वंदन की ख्वाहिश। आतंकी हमलों को रोकें,अंदर के घपलों को झोंके।धर्म-कर्म अनुबंध मिटा कर,जाति धर्म … Read more