Tag: दीपावली पर दोहे

  • पाँच दिवसीय दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ

    पाँच दिवसीय दीपावली: अंतर्गत कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक लगातार पांच पर्व होते हैं इन पांच दिनों को यम पंचक कहा गया है। इन पांच दिनों में यमराज, वैद्यराज धन्वंतरि, लक्ष्मी-गणेश, हनुमान, काली और गोवर्धन पूजा का विधान है।

    दीपावली

    पाँच दिवसीय दीपावली

    दोहावली–

    1.

    पखवाड़ा है कार्तिकी , कृष्णपक्ष गतिशील।
    लाई है दीपावली , दीपों के कंदील।।

    2.
    प्रगट हुए धन्वंतरी , सागर मन्थन बाद।
    इक दुर्लभ संजीवनी , बाँटीं रूप प्रसाद।।

    3.
    किया चतुर्दश कृष्ण ने , नरकासुर संहार।
    मुक्त हुईं कन्या सभीं , करतीं जय-जयकार।।

    4.
    मन्थन हुआ समुद्र का ,तिथि अमावसी खास।
    प्रकटीं लक्ष्मी मात तब , धन की लेकर रास।।

    5.
    बरस बिता चौदह चले , कर रावण वध राम।
    उल्लासित हो जल उठे, दीप अयोध्या धाम।।

    6.
    रात अमावस की गहन , चन्दा भी उस पार।
    दीपमालिका की छटा , ले आयी उजियार।।

    7.
    अति उदार बलि आचरण,धन कुपात्र के हाथ।
    देख विष्णु भगवन् चले , लिये योजना साथ।।

    8.
    शुक्ल कार्तिकी प्रतिपदा, ले वामन अवतार।
    विष्णु कृपा, बलि से मिली, भूमि त्रिपद अनुसार।।

    9.
    दूज कार्तिकी शुक्ल की, यम-यमुना का नेह।
    मिला निमंत्रण भोज का , चले बहन के गेह।।

    10.
    तिलक और मिष्ठान्न से , कर यम का सत्कार।
    यमुना माँगे भ्रात हित , दीर्घ आयु उपहार।।

    11.
    अँगनाई गोबर लिपी , पानी की बौछार।
    भित्तिचित्र , ऐपन कला , मोहक दीप कतार।।

    12.
    वृद्ध, युवक, बालक सजें , रमणी करें सिंगार।
    धूप , अगर , कर्पूर से , महकी चले बयार।।

    13.
    आम्र- पर्ण गेंदा सहित , चौखट बंदनवार।
    दीप-शिखाएँ कर रहीं , आलोकित हर द्वार।।

    14.
    दिवस पाँच दीपावली , भक्ति भाव चहुँओर।
    आस्था सह सद्भावना , लगे सुखद हर भोर।।

    15.
    ज्योत जलाकर नेह की, करें मन-तिमिर नाश।
    दीप-पर्व सार्थक तभी,जब हो आत्म- प्रकाश।।
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    ©सुधा राठौर