मकर संक्रांति आई है / रचना शास्त्री

patang subh makar sankranti

मकर संक्रांति आई है / रचना शास्त्री मगर संक्रांति आई है। मकर संक्रांति आई है। मिटा है शीत प्रकृति में सहज ऊष्मा समाई है। उठें आलस्य त्यागें हम, सँभालें मोरचे अपने । परिश्रम से करें पूरे, सजाए जो सुघर सपने | प्रकृति यह प्रेरणा देती । मधुर संदेश लाई है। मिटा है शीत प्रकृति में … Read more

मकर संक्रान्ति पर सुमित्रानंदन पंत की कविता

patang subh makar sankranti

14 जनवरी के बाद से सूर्य उत्तर दिशा की ओर अग्रसर (जाता हुआ) होता है। इसी कारण इस पर्व को ‘उतरायण’ (सूर्य उत्तर की ओर) भी कहते है। और इसी दिन मकर संक्रान्ति पर्व मनाया जाता है. जो की भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है।  सुमित्रानंदन पंत जन पर्व मकर संक्रांति आजउमड़ा नहान को … Read more