श्रेष्ठ शाकाहार है/ डॉ ओमकार साहू
यहां पर कवि ओमकार साहू जी ने शाकाहार को श्रेष्ठ मानते हुए कविता लिखी है।
यहां पर कवि ओमकार साहू जी ने शाकाहार को श्रेष्ठ मानते हुए कविता लिखी है।
छन्न-पकैया छन्न-पकैया छन्न-पकैया छन्न-पकैया, सुन लो बात हमारी।अच्छी सेहत चाहो जो तुम, बनना शाकाहारी।। छन्न-पकैया छन्न-पकैया, जो हो शाकाहारी।रक्तचाप में संयम रहता, होती नहीं बिमारी।। छन्न-पकैया छन्न-पकैया, सादा भोजन करना।लंबा जीवन मिलता जोगी, पड़े न पीड़ा सहना।। छन्न-पकैया छन्न-पकैया, बनो न माँसाहारी।मोटापा बढ़ता है उससे, बढ़ती है लाचारी।। छन्न-पकैया छन्न-पकैया, मुख मण्डल है निखरे।माँसाहार करें … Read more
अपनाओ सब शाकाहार हृष्ट-पुष्ट तन रखे निरोगी, दे यह सात्विक शुद्ध विचार।सर्वोत्तम आहार यही है, अपनाओ सब शाकाहार।। मार निरर्थक मूक जीव को, देना उन्हें नहीं संत्रास।ऐसे निर्मम पाप कर्म का, व्यर्थ बनो मत तुम तो ग्रास।दास बनो मत तुम जिह्वा के, करो तामसिक भोजन त्याग।कंद-मूल फल फूल-सब्जियाँ, रखो अन्न से ही अनुराग।शाकाहारी खाद्य वस्तु … Read more
शाकाहारी भोजन यह भोजन जो तुमने खाया है। क्यों किसी निरीह पशु को तड़पाया है? क्या उसके दर्द भी बढ़कर थी भूख तुम्हारी।जिव्ह्या का स्वाद क्या उसके जीवन से ज्यादा अनमोल था? उन्हें प्लेट में सजा कर खाते हुए क्या तुम्हें नहीं कोई क्षोभ था? माना इस खाने से तुम्हें पोषण तो मिलेगा?लेकिन क्या उन … Read more
शाकाहार लेना हमेशा शाकाहारना करना मांसाहारपास न आये आजारयही हे बस उपहार शुद्ध पकवान सेमन भी स्वच्छ रहेक्रोध न ज्यादा आयेजो शाकाहार करें क्या खाये कब खायेयह न कोई समजायेकरें जो आदरतिथ्यतुम शाकाहार हि पथ्य कसम खाकर कुछ ऐसीआज से करुँगी शाकाहारकिसीकी बात न मानूंगीहात न लगाउ मांसाहार पवन दाळू, खामगाव, महाराष्ट्र