मोर छत्तीसगढ़ महतारी

मोर छत्तीसगढ़ महतारी मोर छत्तीसगढ़ महतारी,तोर अलग हे चिनहारी!देवता धामी ऋषि मुनि मन,तप करीन इहाँ भारी!! आनी बानी के रतन भरे हे ,इहाँ के पावन माटी म !मया पिरती बढ़त रहिथे ,गिल्ली डंडा अऊ बांटी म !!नांगमुरी करधनिया संग म ,दाई गोड़ म पहिरे सांटी ….. भिलाई कोरबा बैलाडीला म,बड़़े – बड़े कारखाना हे !कटकट – कटकट डोंगरी … Read more

महिमा मोर छत्तीसगढ़ के..गीत पद्मा साहू पर्वणी

महिमा मोर छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़ महतारी मोर, तोर महिमा हे बड़ भारी।गजब होवत हे नवा बिहान, छत्तीसगढ़ के संगवारी। ये भुइयाँ के नाम हे पहिली दक्षिण महाकोसल,अउ हे छत्तीस किला ले एकर छत्तीसगढ़ नाम।लव-कुश के जनम इही भुइयाँ मा संगी,कौशिल्या के मईके, अउ ननिहाल हरे प्रभु राम ।मध्यपरदेश के दुहिता, दाई मोर छत्तीसगढ़,हरियर लुगरा पहिने … Read more

छतीसगढ़ दाई

छतीसगढ़ दाई गमकत  हे  संगाती     चंदन समान माटी        नदिया पहाड़ घाटी                    छतीसगढ़ दाई। लहर- लहर खेती     हरियर हीरा मोती         जिहाँ बाजे रांपा-गैंती                   गावै गीत भौजाई। भोजली … Read more

मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां- पदमा साहू

मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां मोर जनमभूमि के भुंईयां मा माथ नवावंव गा।मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां मा माथ नवावंव गा।।जनम लेंव इही माटी मा ,,,,,2इही मोर संसार आवय गा–मोर………………… इंहा किसम- किसम के बोलबाखा मय छत्तीसगढ़िया हावंव।छत्तीसगढ़ म मोर जनम भूमि,मय एला माथ नवावंव।पले- बढे हों इही माटी मा,,,,2एला कईसे मय भुलावंव गा —मोर……………………… संगवारी मन … Read more

छत्तीसगढ़ मैया पर कविता -श्रीमती शशिकला कठोलिया,

छत्तीसगढ़ मैया पर कविता जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मैया,सुन लोग हो जाते स्तंभित,राष्ट्रगान सा स्वर है गुजँता,छत्तीसगढ़ का यह राज गीत,नरेंद्र देव वर्मा की अमर रचना,है उसकी आत्मा की संगीत,छत्तीसगढ़िया को बांधे रखता ,यह पावन सुंदर सा गीत ,धरती का शुभ भावों से सिंगार कर,छत्तीसगढ़ माटी का बढ़ाया गौरव,गीत में साकार हो उठता ,समूचे … Read more