गुलाब पर कविता/ माला पहल

rose

गुलाब का जीवन दर्शन ।

मैं गुलाब हूं – रामबृक्ष

यह कविता गुलाब पर लिखी गई एक सामाजिक कविता है जिसमें गुलाब की तुलना मानव जीवन से की गयी है। जिस प्रकार गुलाब अपने गुणों के द्वारा सभी को प्रसन्न और खुश रखता है या विभिन्न उच्च व उचित या आदर्श स्थानों पर स्थान लेता है उसी प्रकार मानव को भी अपने उत्तम कार्यों के द्वारा उचित और उत्तम स्थान बनाना चाहिए

गुलाब पर कविता – रामबृक्ष

काव्य प्रतियोगिता आयोजित प्रसांगिक शीर्षक गुलाब पर आधारित कविता सम्मिलित करने हेतु