ये मजहब क्यों है – एकता दिवश पर कविता

ये मजहब क्यों है – एकता दिवश पर कविता ये मजहब क्यों है?ये सरहद क्यों है?क्यों इसके खातिर,लड़ते हैं इंसान ?क्यों इसके खातिर,जलते हैं मकान ?क्यों इसके खातिर,बनते हैं हैवान ?क्यों इसके खातिर,आता नहीं भगवान ?क्या करेंगे ऐसे मजहब का,जिसमें अपनों का चीत्कार है?क्या करेंगे ऐसे सरहद का,जिसमें खून की धार है?क्यों न सबका एक … Read more