कपटी करोना जीव के काल होगे
कपटी करोना जीव के काल होगे
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अनिल कुमार वर्माके हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
कपटी करोना जीव के काल होगे
भुँईया के छाती ह फाटगे। पानी सुखागे हे घाट के।
Ganeshotsav
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