पोस्टर ब्वाय लगते हैं -अनिल कुमार वर्मा
पोस्टर ब्वाय लगते हैं -अनिल कुमार वर्मा कविता संग्रह बैनर छाप लोग नेता नहीं, पोस्टर ब्वाय लगते हैं -अनिल कुमार वर्मा जब से प्लास्टिक फ्लेक्स का चलन हुआ है तब…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अनिल कुमार वर्माके हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
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छेरछेरा तिहार के सुग्घर कविता छत्तीसगाढ़ी रचना छेरछेरा - अनिल कुमार वर्मा होत बिहनिया झोला धरके,सबो दुआरी जाबो।छेरछेरा के दान ल पाके,जुरमिल मजा उड़ाबो।।फुटगे कोठी बोरा उतरगे, सूपा पसर ले…
इस वर्ष नववर्ष पर कविता बहार द्वारा निम्न हिंदी कविता संकलित की गयी हैं आपको कौन सा अच्छा लगा कमेंट कर जरुर बताएं नववर्ष पर हिंदी कविता नववर्ष पर हिंदी…
गुरुजी कस पारा म पढ़ा के तो देख, अरे ! संसद ल सड़क म लगा के तो देख। गिंजरथे गुरु ह गली म पुस्तक ल धर के, बटोरे हे लईकन ल मास्टर गाँव भर के।
ओढ़ना बिना जेखर जिंनगी गुजरगे, मरनी म ओखर कपड़ा चढ़ाबो।
भुँईया के छाती ह फाटगे। पानी सुखागे हे घाट के।
बैरिस्टर छेदीलाल ठाकुर की जयंती गणेश चतुर्थी पर विशेष