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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अर्चना दुबे के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

  • अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दोहे

    अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दोहे

    नारी से है सुख  मिला, नारी से सम्मान।
    बिन नारी घर घर नही, लगता है सुनसान ।।1

    नारी को सम्मान दो, नारी मात समान ।
    नारी से घर स्वर्ग है, सब पर देती जान ।।2

    बिन घरनी के घर नहीं, बिना पुरुष परिवार ।
    स्त्री पुरुष का साथ रहे, जीवन देत सवार ।।3

    सुख दुःख की है संगिनी, देती प्यार दुलार ।
    नारी घर की मान है, सुखी रहे परिवार ।।4

    महिला विश्व दिवस मना, सभी होत खुशहाल ।
    देते सभी बधाइयां, नारी होत निहाल ।।5

    डॉ. अर्चना दुबे ‘रीत’