बादलो ने ली अंगड़ाई

बादलो ने ली अंगड़ाई बादलो ने ली अंगड़ाई,खिलखलाई यह धरा भी!हर्षित हुए भू देव सारे,कसमसाई अप्सरा भी! कृषक खेत हल जोत सुधारे,बैल संग हल से यारी !गर्म जेठ का महिना तपता,विकल जीव जीवन भारी!सरवर नदियाँ बाँध रिक्त जल,बचा न अब नीर जरा भी!बादलों ने ली अंगड़ाई,खिलखिलाई यह धरा भी! घन श्याम वर्णी हो रहा नभ,चहकने … Read more

काग चील हँस रहे

काग चील हँस रहे गीत ढाल बन रहे.स्वप्न साज ढह गए. पीत वर्ण पेड़ हो. झूलते विरह गये देश देश की खबर. काग चील हँस रहे. मौन कोकिला हुई. काल ब्याल डस रहे. लाश लापता सभीमेघ शोक कह गये।पीत…………….।। शून्य पंथ ताकते. रीत प्रीत रो पड़ी. मानवीय भावना. संग रोग हथकड़ी. दूरियाँ सहेज लीधूप ले … Read more

सूनी सूनी संध्या भोर

morning

सूनी सूनी संध्या भोर काली काली लगे चाँदनीचातक करता नवल प्रयोग।बदले बदले मानस लगतेरिश्तों का रीता उपयोग।। हवा चुभे कंटक पथ चलतेनीड़ों मे दम घुटता आजकाँप रहा पीला रथ रवि कासिंहासन देता आवाजझोंपड़ियाँ हैं गीली गीलीइमारतों में सिमटे लोग।बदले…………………।। गगन पथों को भूले नभचर,सागर में स्थिर है जलयानरेलों की सीटी सुनने कोवृद्ध जनों के तरसे … Read more

मन भँवरा नर देह

मन भँवरा नर देह भोर कुहासा शीत ऋतुतैर रहे घन मेह।बगिया समझे आपदावन तरु समझे नेह।।.तृषित पपीहा जेठ मेंकरे मेह हित शोरपावस समझे आपदाकोयल कामी चोर करे फूल से नेह वहमन भँवराँ नर देह।भोर……………..।।.ऋतु बासंती आपदासावन सिमटे नैनविरहा तन मन कोकिलाखोये मानस चैन पंथ निहारे गेह कायाद करे हिय गेह।भोर…………….।। याद सिंधु को कर रहाभटका … Read more

नन्हा मुन्ना करे सिफारिश

नन्हा मुन्ना करे सिफारिश( १६ मात्रिक ) मैं इधर खड़ा,तुम उधर खड़े।सब अपने स्वारथ किधर अड़े।भावि सुरक्षक बनूँ वतन का,नन्हा मुन्ना करे सिफारिश,आज नमन की है ख्वाहिश। वतन आपका मेरा भी है,निज हित चाहे,उनका भी है।नही करे जो बात वतन की,उनमे कब है सच यह साहस,आज नमन की है ख्वाहिश। चाहूँ मिलके नमन करें हम,करलें … Read more