दीपक सा जलता गुरू
दीपक सा जलता गुरू दीपक सा जलता गुरू,सबके हित जग जान।गुरू से हीं पाते सभी, सरस विद्या गुण ज्ञान।। जग में गुरु सिरमौर है,तम गम हरे गुमान।भर आलोक जन-मन सदा ,देते है मुस्कान।। निर्झर सा निर्मल गुरू ,मन का होता…
दीपक सा जलता गुरू दीपक सा जलता गुरू,सबके हित जग जान।गुरू से हीं पाते सभी, सरस विद्या गुण ज्ञान।। जग में गुरु सिरमौर है,तम गम हरे गुमान।भर आलोक जन-मन सदा ,देते है मुस्कान।। निर्झर सा निर्मल गुरू ,मन का होता…
गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से…
बदलते रिश्ते दिन-दिन होता जा रहा,रिश्तों में बदलाव।प्यार रोज ही घट रहा ,दिखता हृदय दुराव।। नही लिहाज न शर्म है ,पिता पुत्र के बीच।माँ बेटी सम्बन्ध भी , निभे मुट्ठियाँ भींच।। पती- पत्नी सम्बन्ध भी ,रहते डाँवाडोल।आँखों में आँसू सदा…
सनातन धर्म पर कविता देश को देखकर आगे बढ़े सनातनधर्म हिन्दी भारतवर्ष महानके लिये।देश को देखकर आगे बढ़े उत्थान के लिये। स्वदेश की रक्षा में जन-जन रहे तत्पर।सदभाव विश्वबंधुत्व का हो भाव परस्पर।काम क्रोध मोह लोभ मिटे दम्भ व मत्सर।रहे…
बाबूराम सिंह की कुण्डलियां मानुष तनअनमोल अति,मधुरवचन नितबोल।रहो परस्पर प्यार से ,जन -मन मधुरस घोल।।जन-मन मधुरस घोल,जीवन सुज्योति जलेगा।होगा कर्म अकर्म , हृदय में पुण्य फलेगा।।कह बाबू कविराय ,कुचलो पाप अधर्म फन।पुनः मिले ना मिले,सोच लो यह मानुष तन।।* देना…
भ्रमर दोहे आगे-आगे जा करे,जो सुधैर्य से काम।बाढे़ चारो ओर से , ढे़रों नेकी नाम।। प्यासेको पानी पिला,भूखेको दोभीख।वेदों शास्त्रोंका यहीं,लाखों में है सीख।। जाने माने लोग भी ,हो जाते हैं फेल।पूर्ण यहाँ कोई नहीं,माया का है खेल।। गाये धाये…
मदर टेरेसा पर कविता : मदर टेरेसा (26 अगस्त 1910 – ५ सितम्बर 1997) जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया है, का जन्म आन्येज़े गोंजा बोयाजियू के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार…
आज के समय की पुकार पर कविता आओ हम सब एक बनें छोड़ बुराई नेक बनें।जन-जनअपनाकरे सुधार आज समय की यही पुकार।दहेज दानव का नाम मिटायें जलती बहु बेटी बचायेंगे।जागरूक हो जतन करें निज डोली नहीं लुटेरे कहार। सब कोई…