विश्व बाल दिवस पर कविता
विश्व बाल दिवस पर कविताविश्व बाल दिवस पर दोहा:-अलबेला बचपन पर हास्य कविताअच्छा था बचपन मेरानई सदी का बचपन मिट्टी जैसा होता है बचपनचाचा फिर तुम आओ नाबच्चे है कल…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० बलबीर सिंह वर्मा वागीश के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
विश्व बाल दिवस पर कविताविश्व बाल दिवस पर दोहा:-अलबेला बचपन पर हास्य कविताअच्छा था बचपन मेरानई सदी का बचपन मिट्टी जैसा होता है बचपनचाचा फिर तुम आओ नाबच्चे है कल…
बेटी कली है फूल है बहार है बेटी, बेटी कली है, फूल है, बहार है,बेटी, बेटी गीत है, संगीत है, सुरों की तार है,बेटी, बेटी धन है, ताकत है, साहस…
हिन्द देश के वीर/बलबीर सिंह वर्मा "वागीश" आजादी का पर्व ये, हर्षित सारा देश।छाई खुशियाँ हर तरफ, खिला-खिला परिवेश।।खिला - खिला परिवेश, गीत हर्षित हो गाए।मना रहे गणतंत्र, तिरंगा नभ…