हिन्द देश के वीर/बलबीर सिंह वर्मा “वागीश”

Republic day

हिन्द देश के वीर/बलबीर सिंह वर्मा “वागीश”


आजादी का पर्व ये, हर्षित सारा देश।
छाई खुशियाँ हर तरफ, खिला-खिला परिवेश।।
खिला – खिला परिवेश, गीत हर्षित हो गाए।
मना रहे गणतंत्र, तिरंगा नभ लहराए।।
थे सब वीर महान, जिन्होंने जान लगा दी।
आया दिन ये खास, मिली हमको आजादी।।

भारतवासी एक सब, एक हमारा धर्म।
जाति-पाति सब भूलकर, देशभक्ति है कर्म।।
देशभक्ति है कर्म, सभी को भारत प्यारा।
देश-प्रेम का भाव, जगत में सबसे न्यारा।।
धरा ईश की पुण्य, कटे सबकी चौरासी।
हिन्द धरा पर जन्म, धन्य हम भारतवासी।।

अपने भारत देश की, देख निराली शान।
रखे सकल संसार में, एक अलग पहचान।।
एक अलग पहचान, सभी से भाई चारा।
जाति-पाति सब भूल, नहीं कोई भी न्यारा।।
हिन्द धरा हो जन्म, सभी देखें बहुसपने।
यहाँ जन्म भर साथ, निभाते सारे अपने।।

करते सेवा देश की, होते सच्चे वीर।
देश प्रेम की भावना, रखे हृदय में धीर।।
रखे हृदय में धीर, वतन पर दें कुर्बानी।
हिन्द देश का नाम, रहे ऊँचा ये ठानी।।
हिन्द देश के वीर, नहीं दुश्मन से डरते।
विपदा को दे मात, वही तो सेवा करते।।

बलबीर सिंह वर्मा “वागीश”

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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