ये लहू है आँखों का कोई पानी नहीं है
ये लहू है आँखों का कोई पानी नहीं हैजज़्बातों की होगी ज़रूरत समझने को इसे लफ़्ज़ों से समझ जाए कोई ये वो कहानी…
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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०दीपक राज़ के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .