हलषष्ठी पर हिंदी कविता – नीरामणी श्रीवास नियति
हलषष्ठी पर हिंदी कविता आयी हलषष्ठी शुभम , माँ का यह व्रत खास ।अपने बच्चों के लिए , रखती है उपवास ।।रखती है उपवास , करे सगरी की पूजा ।बिना चले हल भोज्य , नहीं करते है दूजा ।।नियति कहे कर जोड़ , हृदय व्रत कर हर्षायी ।कथा सुनेंगे आज , मातु हल षष्ठी आयी … Read more