गणपति पर कविता – नीरामणी श्रीवास नियति

ganesh

गणपति पर कविता गणपति बप्पा आ गए ,भादो के शुभ माह।भूले भटके जो रहे , उन्हें दिखाना राह ।।उन्हें दिखाना राह , कर्म सत में पग धारे ।अंतस के खल नित्य , साधना करके मारे ।नियति कहे कर जोड़, चाहते हो गर सदगति ।शरणागत हो आज , ध्यान करना है गणपति ।। गणपति बप्पा मोरिया … Read more

नटखट नंद किशोर- नीरामणी श्रीवास

shri Krishna

नटखट नंद किशोर चोरी करके छुप गया , नटखट नंद किशोर ।सभी गोपियाँ ढूँढती , प्यारा माखन चोर ।।प्यारा माखन चोर , शिकायत माँ से करते ।दधि की मटकी फोड़ , चैन हम सबकी हरते ।।नियति कहे कर जोड़ , अनूठी लीला तोरी ।प्रेम भक्ति की मान , बचाने करते चोरी ।। चोरी करते देखकर … Read more

जीवन पर कविता – नीरामणी श्रीवास

सिंहावलोकनी दोहा मुक्तकजीवन जीवन के इस खेल में,कभी मिले गर हार ।हार मान मत बैठिए , पुनः कर्म कर सार ।।सार जीवनी का यही , नहीं छोड़ना आस ।आस पूर्ण होगा तभी , सद्गुण हिय में धार ।। जीवन तो बहुमूल्य है , मनुज गँवाये व्यर्थ ।व्यर्थ मौज मस्ती किया , नहीं समझता अर्थ ।।अर्थ … Read more

यौवन पर हिन्दी कविता ( युवा दिवस विशेष )

स्वामी विवेकानंद

यौवन पर हिन्दी कविता यौवन तो ढलता सदा , मान यही है सार ।लौट नहीं आता कभी , बीते पल जो चार ।।बीते पल जो चार , कर्म सत करिए प्यारे ।वृद्धावस्था रोग , सताए हिम्मत हारे ।।नियति कहे कर जोड़, पुष्ट होता है तन-मन ।इसी उम्र में साध , सफल होगा फिर यौवन ।। … Read more

हलषष्ठी पर हिंदी कविता – नीरामणी श्रीवास नियति

हलषष्ठी पर हिंदी कविता आयी हलषष्ठी शुभम , माँ का यह व्रत खास ।अपने बच्चों के लिए , रखती है उपवास ।।रखती है उपवास , करे सगरी की पूजा ।बिना चले हल भोज्य , नहीं करते है दूजा ।।नियति कहे कर जोड़ , हृदय व्रत कर हर्षायी ।कथा सुनेंगे आज , मातु हल षष्ठी आयी … Read more