तुम्हारा साथ काफी है -राजेश्वरी जोशी
तुम्हारा साथ काफी है जिंदगी में तुम्हारा साथ काफी है, हाथों में मेरे तेरा हाथ काफी है। दूर हो या हो पास कोई बात नही है, तुम साथ हो यह एहसास काफी है। लड़ते भी रहते हैं,हँसते भी रहते है,…
तुम्हारा साथ काफी है जिंदगी में तुम्हारा साथ काफी है, हाथों में मेरे तेरा हाथ काफी है। दूर हो या हो पास कोई बात नही है, तुम साथ हो यह एहसास काफी है। लड़ते भी रहते हैं,हँसते भी रहते है,…
हम भी दीवाने और तुम भी दीवाने इश्क में हो गये हम दीवानेइश्क में हो गये हम वीरानेइश्क में दौलत क्या है ?इसमें लुट गये सारे खजानेइश्क में हो गये हम दीवानेहम भी दीवाने और तुम भी दीवाने।। शीरीं भी…
प्रीत पुरानी १६ मात्रिक मुक्तक थके नैन रजनी भर जगते,रात दिवस तुमको है तकतेचैन बिगाड़ा, विवश शरीरी,विकल नयन खोजे से भगते। नेह हमारी जीवन धारा।तुम्हे मेघ मय नेह निहारा।वर्षा भू सम प्रीत अनोखी,मन इन्द्रेशी मोर पुकारा। पंथ जोहते बीते हर…
कैसे कह दूं कि मुझे तुमसे प्यार हुआ नहीं सबको कई बार होता मुझे एक बार हुआ नहीं , तुम्हें देखने को ये दिल भी बेकरार हुआ नहीं, कोशिश बहुत की इस कम्बख्त दिल ने मगर , फिर भी मुझसे…