बसंत ऋतु

बसंत ऋतु / राजकुमार मसखरे

राजा बसंत / राजकुमार मसखरे बसंत ऋतु आ...जा आ...जाओ,हे ! ऋतुराज बसन्त,अभिनंदन करते हैं तेरा, अनन्त अनन्त !मचलते,इतराते,बड़ी खूबसूरत हो आगाज़,आओ जलवा बिखेरो,मेरे मितवा,हमराज़ !देखो अब ये सर्दियाँ, ठिठुरन तो…

बसंत  की  बहार में

बसंत  की  बहार में बसंत दूत कोकिला, विनीत मिष्ठ बोलती।बखान रीत गीत से, बसंत गात  डोलती। बसंत  की  बहार में, उमा महेश साथ  में।बजाय कान्ह बाँसुरी,विशेष चाल हाथ में।दिनेश  छाँव …

बसंत पंचमी पर गीत – सुशी सक्सेना

मेरे मन का बसंतबसंत ऋतु का, यहां हर कोई दिवाना है।क्या करें कि ये मौसम ही बड़ा सुहाना है।हर जुबां पर होती है, बसंत ऋतु की कहानी।सुबह भी खिली खिली,…

सार छंद विधान -ऋतु बसंत लाई पछुआई

सार छंद विधान -ऋतु बसंत लाई पछुआई छंद सार छंद विधान- (१६,१२ मात्राएँ), चरणांत मे गुरु गुरु, ( २२,२११,११२,या ११११)ऋतु बसंत लाई पछुआई,बीत रही शीतलता।पतझड़ आए कुहुके,कोयल,विरहा मानस जलता।नव कोंपल…

मकर से ऋतुराज बसंत (दोहा छंद)-बाबू लाल शर्मा

मकर से ऋतुराज बसंत (दोहा छंद)-बाबू लाल शर्मा सूरज जाए मकर में, तिल तिल बढ़ती धूप।फसले सधवा नारि का, बढ़ता रूप स्वरूप।।.पशुधन कीट पतंग भी, नवजीवन मम देश।वन्य जीव पौधे…

सभी विद्या की खान है माता

सभी विद्या की खान है माता सभी विद्या, सुधी गुण की,अकेली खान है माता।इन्हे हम सरस्वती कहते,यही सब ज्ञान की दाता।इन्हे तो देव भी पूजें,पड़े जब काम कुछ उनका-सदा श्रद्धा…

आया रे आया बसंत आया

आया रे आया बसंत आया आया रे आया बसंत आयाआया रे आया बसंत आया।पेड़-पौधों के लिये खुशहाली लेकर आया।।आया रे आया बसंत आया। चारों तरफ छायी है खुशियाली।पेडो़ पर आयी…

माघ शुक्ल बसंत पंचमी पर कविता

माघ शुक्ल बसंत पंचमी पर कविता माघ शुक्ल की पंचमी,भी है पर्व पुनीत।सरस्वती आराधना,की है जग में रीति।। यह बसंत की पंचमी,दिखलाती है राह।विद्या, गुण कुछ भी नया,सीखें यदि हो…

आया बसंत- कविता चौहान

आया बसंत आया बसंत आया बसंत, आया बसंतछाई जग में शोभा अनंत।चारों ओर हरियाली छाईजब बसंत ऋतु है आई।रंग बिरंगे फूल खिलाएखेतों पर सरसों लहराए।फूलों पर भोरे मंडराएजब बसंत ऋतु…

प्रणय मिलन कविता-सखि वसंत में तो आ जाते

प्रणय मिलन कविता-सखि वसंत में तो आ जाते- डॉ सुशील शर्मा सखि बसंत में तो आ जाते।विरह जनित मन को समझाते।         दूर देश में पिया विराजे,       प्रीत मलय क्यों…