Tag कुण्डलियाँ छंद [विषम मात्रिक]

कुण्डलियाँ छंद दोहा और रोला के संयोग से बना छंद है। इस छंद के ६ चरण होते हैं तथा प्रत्येकचरण में 24 मात्राएँ होती है।

आदि भवानी-रामनाथ साहू ” ननकी ”                  

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया…

स्वच्छता पर कुंडलिया

स्वच्छता पर कुंडलिया घर घर में अब देश के, मने स्वच्छता पर्व।दूर करें सब गंदगी, खुद पर तब हो गर्व।खुद पर तब हो गर्व, न कोई कोना छोड़ें।बदलें आदत सर्व, समय का अब रुख मोड़ें।नद नालें हो साफ, बहे जल…

कागा की प्यास

कागा की प्यास कागा पानी चाह में,उड़ते लेकर आस।सूखे हो पोखर सभी,कहाँ बुझे तब प्यास।।कहाँ बुझे तब प्यास,देख मटकी पर जावे।कंकड़ लावे चोंच,खूब धर धर टपकावे।।पानी होवे अल्प,कटे जीवन का धागा।उलट कहानी होय,मौत को पावे कागा।। कौआ मरते देख के,मानव…

वृक्ष कोई मत काटे

वृक्ष कोई मत काटे काटे जब हम पेड़ को,कैसे पावे छाँव।कब्र दिखे अपनी धरा,उजड़े उजड़े गाँव।।उजड़े उजड़े गाँव,दूर हरियाली भागे।पर्यावरण खराब,देख मानव कब जागे।।उपवन को मत काट,कमी को हम मिल पाटे।ऑक्सीजन से जान,वृक्ष कोई मत काटे।। देते ठंडक जो हमे,करते…

सीमा पर है जो खड़ा

सीमा पर है जो खड़ा                           सीमा पर है जो खड़ा ,                          अपना सीना तान ।उसके ही परित्याग से ,                         रक्षित  हिंदुस्तान ।।रक्षित    हिंदुस्तान ,                   याद कर सब कुरबानी ।करे शीश का दान ,                    हिंद का अद्भुत दानी ।।कह ननकी…

दहेज पर कविता

दहेज पर कविता               बेटी कितनी जल गई ,               लालच अग्नि  दहेज ।क्या जाने इस पाप से ,                 कब होगा परहेज ।।कब होगा परहेज ,              खूब होता है भाषण ।बनते हैं कानून ,            नहीं कर पाते पालन ।।कह ननकी कवि तुच्छ…

कुण्डलिया

कुण्डलिया अंदर की यह शून्यता ,                     बढ़ जाये अवसाद ।संशय विष से ग्रस्त मन ,                     ढूढ़े  ज्ञान  प्रसाद ।।ढूढ़े   ज्ञान  प्रसाद ,           व्यथित मन व्याकुल होता ।आत्म – बोध से दूर ,    …     खड़ा    एकाकी    रोता ।।कह ननकी कवि तुच्छ…

रामनाथ की कुण्डलिया

रामनाथ की कुण्डलिया (1)  प्रातः  जागो भोर में ,                    लेके  हरि  का   नाम ।       मातृभूमि वंदन करो ,                    फिर पीछे सब काम ।।       फिर पीछे सब काम ,                   करो तुम दुनियादारी ।       अपनाओ    आहार ,                   शुद्ध ताजे  तरकारी ।।       कह…

सेना पर कविता

सेना पर कविता सेना भारत वर्ष की, उत्तम और महान।इसके साहस की सदा, जग करता गुणगान।जग करता गुणगान, लड़े पूरे दमखम से।लेती रिपु की जान, खींच कर लाती बिल से।*और बढ़ाती *शान* , जीत बिन साँस न लेना।सर्व गुणों की…