सादा जीवन पर कविता -मनीभाई नवरत्न
सादा जीवन पर कविता –मनीभाई नवरत्न एक ओर रंगशालादूसरी ओर रंग सादा।कोई टक्कर नहीं जिनके बीचकौन सुरमा है ज्यादा?वैसे ख्याति विविध रंगों की हैहरा लाल पीला नीलाये ना होते तोकहने वाले राय मेंदुनिया बेरंग होती ।पर जरा सोचो तोरंगों की उत्पत्ति कहां से हुई ?प्रकृति की छटा बिखेरती इंद्रधनुषकैसे प्रकट हुआ ?सूर्य की श्वेत रश्मि … Read more