सुरों की मल्लिका लता जी – जगदीश कौर

सुरों की मल्लिका लता जी- जगदीश कौर कहाँ गई वो सुरों की मल्लिकाकहाँ गई वो मधुर सी कोकिलाजिसके सुरों के जादू से सारा हिंदूस्तां था फूलों सा खिला। छेड़ती थी जब सुरों की तान मंद -मुग्ध हो जाता हिन्दूस्तानतेरे गुनगुनाएं गीतों सेऊर्जा से भरता नौजवान।। बस गई थी सभी के दिलों मेंभारत की यह लाडली … Read more

भारत रत्न लताजी – ज्ञान भण्डारी

भारत रत्न लताजी – ज्ञान भण्डारी दूर झितिज,एक तारा टूटा ,रूठा धरा से, वो यों रूठा ,स्वर लहरी का , हर सुर डोला,शोकाकुल है बसंती चोला। कर्तव्य बोथ का भान तुम्हे था ,वेदना का अहसास तुम्हे था ,तुमने किए लाखो समर्पण ,उत्तम मिसाल दी नारी जीवन । साधिका थी तुम कंठ कोकिला ,रूप हंस वाहिनी … Read more