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Tag: #मधु गुप्ता महक

  • मन की लालसा किसे कहे

    मन की लालसा किसे कहे

    मन की लालसा किसे कहे सच कहुं तो कोई लालसा रखी नहींमन की ललक किसी से कही नहीं क्यों कि     जीवन है मुट्ठी में…

  • शीत ऋतु (ठण्ड) पर कविता

    शीत ऋतु (ठण्ड) पर कविता

    यहाँ पर शीत ऋतु (ठण्ड) पर कविता दिए गये हैं आपको कौन सी अच्छी लगी , नीचे कमेंट बॉक्स पर जरुर लिखें शीत ऋतु का…

  • भारतीय नौ सेना- मधु गुप्ता “महक”

    भारतीय नौ सेना प्रखर ओजस्वी नौजवानों,सुरक्षित है तुमसे वतन।विजयी तिरंगा फहराने वाले,जल सेना तुमको है नमन।विजय तिरंगा…………. प्रहरी सामुद्रिक सीमा के,देश की रक्षा तुमसे है।तोड़…

  • गोली एल्बेंडाजॉल – (मधु गुप्ता “महक”)

       गोली एल्बेंडाजॉल आओ बच्चों तुम्हें सुनाए,            एक कहानी काम की।ध्यान पूर्वक सुनना इसको,             बात…

  • अकड़ पर कविता

    अकड़ पर कविता जीवन के इस उम्र तकना जाने कितने मुर्दे देखे।  कितनो को नहलाया   तैयार भी कियाऔर पाया    केवल अकड़सचमुच मुर्दो में अकड़ होती…

  • मैं जीने लगी

    मैं जीने लगी वक्त का सरकनाऔर उनके पीछेमेरा दौड़ना  ये खेल निरन्तर   चल रहा हैकहाँ थे औरकहाँ आ गये।   कलेन्डर बदलता रहा   पर मैं यथावतजीने…

  • जब होगा महक मिलन

    जब होगा महक मिलन मिला किताब में सूखा गलाब,देख फिर  ताजगी सी आई। याद आ गया वो सारा मंजरफिर खुद से खुद ही शरमाई। वो…