जब होगा महक मिलन
जब होगा महक मिलनमिला किताब में सूखा गलाब,देख फिर ताजगी सी आई।याद आ गया वो सारा मंजरफिर खुद से खुद ही…
कविता
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० मधु गुप्ता महक के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .