शारदे आयी हो मेरे अंगना
शारदे आयी हो मेरे अंगना हे माँ शारदे, महाश्वेता आयी हो मेरे अंगना ।पूजूँगा तुम्हें हे शतरूपा, वीणापाणि माँ चंद्रवदना ।। बसंत ऋतु के पाँचवे दिवस पर हंस पे चढ़ कर आती हो।हे मालिनी इसलिए तुम हंसवाहिनी कहलाती हो।।माता तुम…
माघ शुक्ल की पंचमी : माघ शुक्ल पंचमी भारतीय पंचांग के अनुसार ग्यारहवें माह की पाँचवी तिथि है, वर्षान्त में अभी ५५ तिथियाँ अवशिष्ट हैं।
शारदे आयी हो मेरे अंगना हे माँ शारदे, महाश्वेता आयी हो मेरे अंगना ।पूजूँगा तुम्हें हे शतरूपा, वीणापाणि माँ चंद्रवदना ।। बसंत ऋतु के पाँचवे दिवस पर हंस पे चढ़ कर आती हो।हे मालिनी इसलिए तुम हंसवाहिनी कहलाती हो।।माता तुम…
मेरे मन का बसंत बसंत ऋतु का, यहां हर कोई दिवाना है।क्या करें कि ये मौसम ही बड़ा सुहाना है।हर जुबां पर होती है, बसंत ऋतु की कहानी।सुबह भी खिली खिली, शाम भी लगती दिवानी। चिड़ियों ने चहक कर, सबको…
माघ शुक्ल बसंत पंचमी पर कविता माघ शुक्ल की पंचमी,भी है पर्व पुनीत।सरस्वती आराधना,की है जग में रीति।। यह बसंत की पंचमी,दिखलाती है राह।विद्या, गुण कुछ भी नया,सीखें यदि हो चाह।। रचना, इस संसार की,ब्रह्मा जी बिन राग।किये और माँ…
ऋतुओं का राजा होता ऋतुराज बसंत ऋतुओं का राजा इस दुनिया में तीन मौसम है सर्दी गर्मी और बरसात।इनमें आते ऋतुएं छह ,चलो करते हैं हम इनकी बात।सभी ऋतुओं का राजा होता , ऋतुराज बसंत।चारों ओर हरियाली फैलाता, चित्त को…
छप्पय छन्द में बसंत पंचमी पर रचना
बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में
मां सरस्वती वंदना और बसंत पंचमी विशेष रचना
बसंत पंचमी विशेष रचना ऋतुराज बसंत- शची श्रीवास्तव
ऋतुराज बसंत पर दोहे धरती दुल्हन सी सजी,आया है ऋतुराज।पीली सरसों खेत में,हो बसंत आगाज।।1।। कोकिल मीठा गा रही,भांतिभांति के राग।फूट रही नव कोंपलें , हरे भरे हैं बाग।।2।। पीली चादर ओढ़ के, लगती धरा अनूप।प्यारा लगे बसंत में, कुदरत…
बसंत पंचमी पर कविता मदमस्त चमन अलमस्त पवन मिल रहे हैं देखो, पाकर सूनापन। उड़ता है सौरभ, बिखरता पराग। रंग बिरंगा सजे मनहर ये बाग। लोभी ये मधुकर फूलों पे है नजर गीला कर चाहता निज शुष्क अधर। सजती है…