यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर० परमानंद निषाद के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

पैसों के आगे सब पराया

मुश्किल समय में नहीं आता है; अपने ही अपनो के काम होगा। आगे चलकर भुगतना पड़ता है; ऊँचे से ऊँचे मोल का दाम होगा।1। मोल पैसों का नहीं संस्कार का…

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घर-घर में गणराज – परमानंद निषाद

*घर-घर में गणराज (दोहा छंद)*आए दर पे आपके, कृपा करो गणराज।हे लम्बोदर दुख हरो, मंगल करिए काज।१।पहली पूजा आपकी, होता है गणराज।गणपति सुन लो प्रार्थना, रखना मेरी लाज।२।गौरी लाल गणेश…

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संस्कार नही मिलता दुकानों में-परमानंद निषाद “प्रिय”

संस्कार नही मिलता दुकानों में - परमानंद निषाद "प्रिय" माता-पिता से मिले उपहार।हिंद देश का है यह संस्कार।बुजुर्गो का दर्द समझते नहींनहीं जानते संस्कृति- संस्कार। संस्कार दिये नहीं जाते है।समाज…

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Courage
child climbs confidently up the ladder against the blue sky. copy space for your text

हौसले पर हिंदी कविता

हौसला हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण है, खासकर जब हम परिस्थितियों के खिलाफ स्थिर रहने के लिए अपना विश्वास खो देते हैं। यह हमें हार नहीं मानने की शक्ति…

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