Tag: #परमानंद निषाद
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पैसों के आगे सब पराया
मुश्किल समय में नहीं आता है; अपने ही अपनो के काम होगा। आगे चलकर भुगतना पड़ता है; ऊँचे से ऊँचे मोल का दाम होगा।1। मोल…
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घर-घर में गणराज – परमानंद निषाद
*घर-घर में गणराज (दोहा छंद)* आए दर पे आपके, कृपा करो गणराज।हे लम्बोदर दुख हरो, मंगल करिए काज।१। पहली पूजा आपकी, होता है गणराज।गणपति सुन…
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संस्कार नही मिलता दुकानों में-परमानंद निषाद “प्रिय”
संस्कार नही मिलता दुकानों में – परमानंद निषाद “प्रिय” माता-पिता से मिले उपहार।हिंद देश का है यह संस्कार।बुजुर्गो का दर्द समझते नहींनहीं जानते संस्कृति- संस्कार।…
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हौसलों की उड़ान
हौसलों की उड़ान हौसलों की उड़ान मत कर कमजोर,अभी पूरा आसमान बाकी है,परिंदों को दो खुला आसमान,सपनों को परिंदों सी उड़ान दो। यूं जमीन पर…