बदलते रिश्ते पर दोहा

doha sangrah

बदलते रिश्ते दिन-दिन होता जा रहा,रिश्तों में बदलाव।प्यार रोज ही घट रहा ,दिखता हृदय दुराव।। नही लिहाज न शर्म है ,पिता पुत्र के बीच।माँ बेटी सम्बन्ध भी , निभे मुट्ठियाँ भींच।। पती- पत्नी सम्बन्ध भी ,रहते डाँवाडोल।आँखों में आँसू सदा , कहे कहानी बोल।। सास-बहू सम्बन्ध तो ,दो जोड़ो की सौत।छल कपट बस चाह रहे,इक … Read more

मौसम कुछ उदास है- रीता प्रधान

मौसम कुछ उदास है- रीता प्रधान दिलों में जाने क्यों,बाकी न कोई एहसास है।एक भाई को ही दूजे भाई की,जाने क्यों खून की प्यास है।प्रकृति तो उदास बैठी ही थी,अब दिलों का भी मौसम कुछ उदास है। जवानी आते जाने कहां ,चला जाता है बचपन का प्यार।घरवाले ही घरवालों पर,जाने क्यों करते हैं अत्याचार।देख दशा … Read more

रिश्ते नाते (कुण्डलिया )- माधुरी डडसेना

रिश्ते नाते (कुण्डलिया )- माधुरी डडसेना नाते गढ़ने के लिए , रचने पड़ते स्वांग ।बार बार हैं जाँचते , कहता क्या पंचांग ।।कहता क्या पंचाग , बनी उत्सुकता भारी ।करते तिकड़म सर्व , कठिन करते तैयारी ।।मुदिता भर मुस्कान , शून्य फल लेकर आते ।कभी कहीं बन मीत , निभाते अपने नाते ।। नाते देखे … Read more