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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर 0शशि मित्तल के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

क्या यही है “आस्था – शशि मित्तल “अमर”

आस्था धूम मची है,जय माता की… मंदिरों, पंडालों में, लगी है भीड़ भक्तों की.. क्या यही है “आस्था “? मन सशंकित है मेरा, वृद्धाश्रम में दिखती माताएँ… जो जनती हैं एक “वजूद”रचती हैं सृष्टि… थक जाती हैं तब, निकाल दी…

मैं हिंदुस्तान हूं – शशि मित्तल “अमर”

मैं हिंदुस्तान हूं – शशि मित्तल “अमर” लहर-लहर लहराए तिरंगाबीच अशोक चक्र महान हूंहां मैं हिंदुस्तान हूं……….. तीन रंगों से सजा तिरंगाश्वेत,हरा,केसरिया की शान हूंहां मैं हिंदुस्तान हूं………….. भगत, सुभाष,आजाद की धरतीवीरांगना रानी झांसी की पहचान हूंहां मैं हिंदुस्तान हूं…………….…