भूख पर कविता

भूख पर कविताएं कविता 1. भूख केवल रोटी और भात नहीं खातीवह नदियों पहाड़ों खदानों और आदमियों को भी खा जाती हैभौतिक संसाधनों से परेसारे रिश्तों और सारी नैतिकताओं को भी बड़ी आसानी से पचा लेती है भूख। भूख की कोई जाति कोई धर्म नहीं होतावह सभी जाति सभी धर्म वालों को समान भाव से … Read more