होली में धूम मचायेंगे /डॉ रामबली मिश्र

होली में धूम मचायेंगे /डॉ0 रामबली मिश्र 

होली में धूम मचायेंगे,होली में।

नित रंग डाल नहलायेंगे,होली में।।

स्वागत होगा पिचकारी से।

हँसी ठिठोली दिलदारी से।।

मुँह में सबके रंग लगेगा।

सबका मुखड़ा खूब खिलेगा।।

होली में रस बरसायेंगेगे,होली में।

भय भूत बने डरवायेंगे,होली में।।

द्वार द्वार पर रंग गिरेगा।

लाल गुलाबी सकल दिखेगा।।

हर कोई मस्ती में झूमे।

एक दूसरे का मुँह चूमे।।

होली में ढोल बजायेंगे,होली में।

हिय सबको नाच नचायेंगे,होली मे।।

सबका तन मन रंगीला हो।

अंग अंग काला पीला हो।।

मादकता सबमें छा जाये।

वृंदावन की शान बढ़ाये।।

मथुरा की होली खेलेंगे,मथुरा में।

शुभ प्रेमिल भाव उड़ेलेंगे,मधुरा में।।

 डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी उत्तर प्रदेश 

सुशी सक्सेना

यह काव्य संकलन उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में अवतरित लेखिका सुशी सक्सेना के सहयोग से हो पाई है । अभी आप इंदौर मध्यप्रदेश में हैं । अभी आप अवैतनिक संपादक और कवयित्री के रूप में kavitabahar.com में अपना सेवा दे रही है। आपकी लिखी शायरियां और कविताएं बहुत सी मैगजीन और न्यूज पेपर में प्रकाशित होती रहती हैं। मेरे सनम, जिंदगी की परिभाषा, नशा कलम का, मेरे साहिब, चाहतों की हवा आदि पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।