गुरू घासीदास छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले के गिरौदपुरी गांव में पिता महंगुदास जी एवं माता अमरौतिन के यहाँ अवतरित हुये थे गुरू घासीदास जी सतनाम धर्म जिसे आम बोल चाल में सतनामी समाज कहा जाता है, के प्रवर्तक थे। विकिपीडिया
गुरू घासीदास जी पर हिंदी कविता
चलसंगी गुणगान गाबो, घांसीबबा के।
गुरु के नांव बगराबो, सतनाम के।
गिरौदपुरी के नाम हे, देशबिदेश म।
पंथ चलतहे ईहां, गुरुआदेश म।
अमृत कुंड के पानी, देथे जिनगानी ।
सुग्घर धाम एहर, छत्तीसगढ़ प्रदेश म।
चल संगी आशीष पाबो, बाबाधाम के।
गुरु के नांव बगराबो, जै सतनाम के।
मनखे मनखे एके ये, गुरु संदेश म।
ऊंच नीच दूर होथे, जेकर उपदेश म।
मिलजुल रहना हे, बबा के कहना ये।
नई उलझ साथी, अब दुख कलेश म।
पिरित भाव जगाबो, जे हावे काम के।
गुरु के नांव बगराबो, जै सतनाम के।
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