Month January 2020

लाजवाब जोड़ा कविता

लाजवाब जोड़ा कविता-विनोद सिल्ला रहता हैहमारी लॉबी मेंचिड़ियों का जोड़ाइनमें है अत्यधिक स्नेहनहीं रहते पल भरएक-दूसरे से दूरनहीं है इनमेंसॉरी-धन्यवाद सीऔपचारिकताएंये बात-बात कोनहीं बनातेनाक का सवालरखते हैंएक-दूसरे का ख्यालनहीं उतारतेबाल की खालदोनों में सेकिसी के मुंहकभी नहीं सुनीससुराल की शिकायतमुझे…

बहादुरों पर कविता

बहादुरों पर कविता (1)तिलक लगा ले माथे पर,शस्त्र उठा ले हाथों पर।वन्दे मातरम की गूंज से,निकल पड़े मैदानों पर।(2)योगेंद्र अनुज अमोल विजयंत,जाबाज सिपाही थे कारगिल पर।कर चड़ाई टाइगर हिल में,दिखा दी साहस अपने दम पर।(3)तोपे जब चली रण पर,गोले बरस…

आलसी पर कविता

आलसी पर कविता मेरे अकेले में भी कोई आसपास होता है।तुम नहीं हो पर तुम्हारा आभास  होता है।1। बिखर ही जाता है चाहे कितना भी संवारोबस खेलते  रहो जीवन एक ताश होता है।2। जरूरतमंद तो आ ही जाते हैं बिना बुलाएआपकी जरूरत में आए वही ख़ास…

बचपन के खिलौनों के बदलते ढंग कविता

बचपन के खिलौनों के बदलते ढंग कविता जयतु, जय जवान, जय किसान हो,जयतु मातृ-भू, जय भारत महान हो। माटी की खुशबू ले चलो वहाँ-वहाँ,अपने देश के पहरेदार जहाँ-जहाँ। वतन में अंधेरा छाया है अब कहाँ ?रोशन करके गया वह सरहद…

कर्म पर दोहे -डॉ एन के सेठी

कर्म पर दोहे -डॉ एन के सेठी भाग्य कर्म के बीच में , भाग्य बड़ा या कर्म।कर्म बनाता भाग्य को,यही मनुज का धर्म।। कर्म करे तो फल मिले,कर्म न निष्फल होय।कर्महीन जो ना करे ,जीवन का फल खोय।। कर्मगति है…