Month February 2020

साधना पर कविता

साधना पर कविता करूँ इष्ट की साधना,कृपा करें जगदीश।पग पग पर उन्नति मिले,तुझे झुकाऊँ शीश।। योगी करते साधना,ध्यान मगन से लिप्त।बनते ज्ञानी योग से,दूर सभी अभिशिप्त ।। जो मन को हैं साधते,श्रेष्ठ उसे तू जान।दुनिया के भव जाल में,फँसे नहीं…

मनोरम छंद विधान- बाबूलाल शर्मा

मनोरम छंद विधान मापनी – २१२२ २१२२ चार चरण का छंद है दो दो चरण सम तुकांत हो चरणांत में ,२२,या २११ हो चरणारंभ गुरु से अनिवार्य है ३,१०वीं मात्रा लघु अनिवार्य मापनी – २१२२, २१२२ कल काल से संग्राम…

महँगाई पर दोहे

महँगाई पर दोहे महँगाई की मार से , हर जन है बेहाल।निर्धनभूखा सो रहा,मिले न रोटी दाल।।1।। महँगाई डसती सदा,निर्धन को दिनरात।पैसा जिसके पास है,होती उसकी बात।।2।। महँगाई में हो गया , गीला आटा दाल।पूँछे कौन गरीब को,जिसका है बेहाल।।3।।…