मैं तो हूं केवल अक्षर पर कविता

अक्षर पर कविता मैं तो हूं केवल अक्षरतुम चाहो शब्दकोश बना दो लगता वीराना मुझकोअब तो ये सारा शहरयाद तू आये मुझकोहर दिन आठों पहर जब चाहे छू ले साहिलवो लहर सरफ़रोश बना दो अगर दे साथ तू मेरागाऊं मैं गीत झूम केबुझेगी प्यास तेरी भीप्यासे लबों को चूम के आयते पढ़ूं मैं इश्क़ कीइस … Read more

फागुन माह पर दोहा -मदन सिंह शेखावत

फागुन माह पर दोहा -मदन सिंह शेखावत फागुन मास सुहावना, उड़ती रंग गुलाल।खेले अपनी मौज मे,कुछ भी नही मलाल।।1 फागुन आयो हे सखी, पिया बसे परदेश।कुछ भी अच्छा ना लगे,आये नही स्वदेश।।2 फागुन के हुडदंग मे, बाजे डोल मृदंग।नाचे सब मद मस्त हो,मिल गई बहु उमंग।।3 होली के त्यौहार मे , झूमे सब इटलाय।करते सभी … Read more

अलि पर कविता

अलि पर कविता अलि पुष्प के पराग से,लेता है रससार।पुष्प पुष्प पर बैठता , करे सदा गुंजार।। अलि करता मधुमास में,फूलों का रसपान।कोयल मीठा गात है ,करती है गुण गान।। कली कली में बैठता,अलि करता मधुपान।मस्त मगन हो घूमता,गुन गुन करता गान।। अलि बैठा है डाल पर,ग्रहण करे मकरंद।नेह लुटाता फूल पर ,होय कमल में … Read more

पवित्र प्रेम पर कविता

पवित्र प्रेम पर कविता रचनाकार- बाँके बिहारी बरबीगहीया राज्य -बरबीघा बिहार (पुनेसरा ) एक कपोत ने आकर हमसे कह डाले सब प्रेम की बात कुछ लिखो तुम स्वेत पत्र पे और लिखो कुछ अपनी याद मेरे गले में प्रेम पत्र दो उठो चलो तुम मेरे साथ प्रेम विरह में पागल है वो कटती नहीं उनसे … Read more

मातृ पितृ पूजन दिवस पर कविता

मातृ पितृ पूजन दिवस पर कविता दिवस मातृ पितु ले मना, करिये सत संकल्प।ईश मान पितु मात को, छोड़ो सभी विकल्प।। घर में ही भगवान हैं, सच जीवन दातार।मात पिता को मान दें, करिये उनसे प्यार।। जन्म दिया है आपको, रखे गर्भ नौ मास।पाला मय अरमान के, मात पिता विश्वास।। पाल पोष पहचान दी, पढ़ा … Read more