प्यासा पंछी पर कविता-प्रेमचन्द साव
प्यासा पंछी पर कविता मन है उदास भटकता फिरे ।जैसे प्यासा पंछी उड़ता फिरे ।मन को ना कोई बांध सके। तो खुले आकाश की खोज करे ।मन की उड़ान खुशियों की पुकार करे ।जैसे प्यासा पंछी उड़ता फिरे । फूलों…
प्यासा पंछी पर कविता मन है उदास भटकता फिरे ।जैसे प्यासा पंछी उड़ता फिरे ।मन को ना कोई बांध सके। तो खुले आकाश की खोज करे ।मन की उड़ान खुशियों की पुकार करे ।जैसे प्यासा पंछी उड़ता फिरे । फूलों…
प्रस्तुत कविता शंकर पर कविता आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
बेटियों पर कविता बेटियों से ही घर में आती खुशियाँ अपार।बेटियों के बिन अधुरा घर संसार।।गृहस्थ कार्यों में वह हाथ बटायें।सभी काज को मंगल कर जाये।।बिन बेटियों के जीवन न आगे बढ़ पाये।अपनों के साथ मिलकर रहना हमें सिखलाये।।घर में…
जीत का विश्वास पर कविता संघर्ष से भरा जीवन,अग्रसर सतत होना।काँटो पर भी चलकर,हँसकर पल बिताना। मुश्किल समझे दुनिया,उसको जोश दिखा जाना।हर लक्ष्य को प्राप्त कर,राहों पर चलते जाना। चिंता मन से हटाकर,आशा की किरण जगाना।उत्साह भर ले मन में…
भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…
माँ शारदे पर कविता सृजनता का आधार दे।मुझको ऐसा ज्ञान दे । अंधकार को दूर मिटा के।ज्ञान का प्रकाश दे । नमन् करूँ मै माँ शारदे को ।मुझको नित ही ज्ञान मिले ।ज्ञान,विद्या,संगीत, कला । अधिष्ठात्री देवी का वर मिले।वीणा,पुस्तक,माला…
श्रमिक-विकास की बुनियाद पर कविता सूरज की पहली किरण से काम पर लग जाता हूँ।ढलते सूरज की किरणों संग वापस घर को आता हूँ।अपने घर परिवार के लिए,शरीर की चिंता छोड़ मैं।हवा,पानी,धूप,छांह को हँसकर सह जाता हूँ।।1।। नव निर्माण,नव विहान…
गांधी जी के सपनों पर कविता गांधीजी के सपनों का है ये भारत,उन्नत होकर विकसित होता ये भारत।ग्रामीण परिवेश में जागरूकता बढ़ाया,स्वदेशी अपनाकर अभियान चलाया।। आर्थिक सामाजिक न्याय बताकर,गाँव के विकास को समझाया।व्यापकता की दृष्टि फैलाकर,जाति,धर्म,भाषा के भेदभाव को मिटाया।।…
कोरोना से हालत पर कविता वाह रे , कोरोना ! तूने तो गजब कर डाला ,छोटी सोच और अहंकार को ,तूने चूर-चूर कर डाला ।।वाह रे , कोरोना ! …… पैसो से खरीदने चले थे दुनिया ,ऐसे नामचीन पड़े है…