हिन्दी कविता: सीसीई (सतत् व्यापक मूल्यांकन) – मनीभाई नवरत्न
सतत व्यापक मूल्यांकन पर आधारित कविता, जिसे मैंने सन् 2013 में विज्ञान प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर बनने के दौरान लिखा था ताकि शिक्षकों को सतत व्यापक मूल्यांकन की उपयोगिता पता चल सके.
सतत व्यापक मूल्यांकन पर आधारित कविता, जिसे मैंने सन् 2013 में विज्ञान प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर बनने के दौरान लिखा था ताकि शिक्षकों को सतत व्यापक मूल्यांकन की उपयोगिता पता चल सके.
मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां मोर जनमभूमि के भुंईयां मा माथ नवावंव गा।मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां मा माथ नवावंव गा।।जनम लेंव इही माटी मा ,,,,,2इही मोर संसार आवय गा–मोर………………… इंहा किसम- किसम के बोलबाखा मय छत्तीसगढ़िया हावंव।छत्तीसगढ़ म मोर जनम भूमि,मय…
प्रस्तावना : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह कहना की कोरोना अमेरिका पर पर्ल हार्बर और 9/11 के आतंकी हमले से बड़ा हमला है. जो इस बात की पुष्टि करता है कि दुनिया का महाशक्ति कहलाने वाला देश कोरोना…
नंद नयन का तारा है ★★★★★★★★★★★कोयल कूके जब अमुवा पर,मन भौंरा इठलाता है।तान बाँसुरी की मधुरिम सी,कान्हा सरस् बजाता है। श्याम रंग में डूबी श्यामल,राधा क्यूँ अकुलाती है।तड़प कभी तो कभी प्रीति की,विरहन गीत सुनाती है। गोकुल का गइया चरवाहा,माखन…
हल्दीघाटी एकलिंग दीवान बाबूलालशर्मा *विज्ञ* मन करता है गीत लिखूँ मैं,एक लिंग दीवाने पर।मातृ भूमि के रक्षक राणा,मेवाड़ी परवाने पर।।✍१चित्रांगद का दुर्ग लिखूँ जब,मौर्यवंश नि: सार हुआ।मेदपाट की पावन भू पर,बप्पा का अवतार हुआ।कीर्ति वंश बप्पा रावल के,मेवाड़ी पैमाने पर।मन…
वेदों पर कविता सार भरा ऋग्वेद में ,देवों का आह्वान।लिखा वेद जी व्यास ने,जिसका अतुल विधान।। यजुर्वेद में मंत्र का,पावन है विस्तार।मुनिजन जिसको बाचकर,पाएं जीवन सार।। तन मन को शीतल करें,सामवेद का ज्ञान।लिखा मंत्र के रुप में,जिसमें सुर लय तान।।…
सतनाम पिरामिड रचना हेनरतज तूनशाखोरीजाति प्रपंचचोरी, व्यभिचारअसत,हिंसा,हत्याअपना सतनामकरूणा निधानदेगा सम्मानवही सच्चामहानधर्म है। #मनीभाई”नवरत्न” Post Views: 58
चोका:- नारी तू खास है★★★★★ हर युद्ध काजो कारण बनतालोभ, लालचकाम ,मोह स्त्री हेतुपतनोन्मुखइतिहास गवाहस्त्री के सम्मुखधाराशायी हो जाताबड़ा साम्राज्यशक्ति का अवतारनारी सबला।स्त्री चीर हरण सेकौरव नाशमहाभारत कालरावण अंतसीता हरण करस्त्री अपमानहर युग का अंत।आज का दौरनारी सब पे भारीगर…
आओं खेलें सब खेल आओं खेलें सब खेल ।बन जाओ सब रेल।छुक छुक करते जाओ ।सवारी लेते जाओ ।कोई छुट ना जाए ।हमसे रूठ ना जाए ।सबको ले जाना जरूरी ।तय करनी लम्बी दूरी ।सबको मंजिल पहुंचायेंगे ।घुम फिरकर घर…
ओ नारी- मनीभाई नवरत्न जिन्दगी चले ना, बिन तेरे ओ नारी!उठा ली तूने, सिर अपने ऐसी जिम्मेदारी । मर्दों ने नाहक किये खुद पे ऐतबार ।सच तो यह है कि नारी होती जग की श्रृंगार ।महक ऐसे , फूल जैसे…