Month: May 2020
मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां- पदमा साहू
मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां मोर जनमभूमि के भुंईयां मा माथ नवावंव गा।मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां मा माथ नवावंव गा।।जनम लेंव इही माटी मा ,,,,,2इही मोर संसार आवय गा–मोर………………… इंहा किसम- किसम के बोलबाखा मय छत्तीसगढ़िया हावंव।छत्तीसगढ़ म मोर जनम भूमि,मय एला माथ नवावंव।पले- बढे हों इही माटी मा,,,,2एला कईसे मय भुलावंव गा —मोर……………………… संगवारी मन … Read more
हिन्दी निबंध : कोरोना वायरस (संकलित रचना )
प्रस्तावना : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह कहना की कोरोना अमेरिका पर पर्ल हार्बर और 9/11 के आतंकी हमले से बड़ा हमला है. जो इस बात की पुष्टि करता है कि दुनिया का महाशक्ति कहलाने वाला देश कोरोना के सामने कैसे अपना घुटना टेकते नजर आ रही है. आज दुनिया में ऐसा कोई … Read more
हिन्दी कविता : नंद नयन का तारा है,विधा तांटक छंद,डिजेन्द्र कुर्रे
नंद नयन का तारा है ★★★★★★★★★★★कोयल कूके जब अमुवा पर,मन भौंरा इठलाता है।तान बाँसुरी की मधुरिम सी,कान्हा सरस् बजाता है। श्याम रंग में डूबी श्यामल,राधा क्यूँ अकुलाती है।तड़प कभी तो कभी प्रीति की,विरहन गीत सुनाती है। गोकुल का गइया चरवाहा,माखन जिसको प्यारा है।मातु यशोदा का ललना है,नंद नयन का तारा है।~~~~~~~★★★★★~~~~रचनाकार- डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”पीपरभावना,बलौदाबाजार(छ.ग.)मो. 8120587822है
हल्दीघाटी एकलिंग दीवान…
हल्दीघाटी एकलिंग दीवान बाबूलालशर्मा *विज्ञ* मन करता है गीत लिखूँ मैं,एक लिंग दीवाने पर।मातृ भूमि के रक्षक राणा,मेवाड़ी परवाने पर।।✍१चित्रांगद का दुर्ग लिखूँ जब,मौर्यवंश नि: सार हुआ।मेदपाट की पावन भू पर,बप्पा का अवतार हुआ।कीर्ति वंश बप्पा रावल के,मेवाड़ी पैमाने पर।मन करता है गीत लिखूँ मैं,एक लिंग दीवाने पर।।✍२अंश वंश बप्पा रावल का ,सदियों प्रीत रीति … Read more
वेदों पर कविता- डिजेन्द्र कुर्रे
वेदों पर कविता सार भरा ऋग्वेद में ,देवों का आह्वान।लिखा वेद जी व्यास ने,जिसका अतुल विधान।। यजुर्वेद में मंत्र का,पावन है विस्तार।मुनिजन जिसको बाचकर,पाएं जीवन सार।। तन मन को शीतल करें,सामवेद का ज्ञान।लिखा मंत्र के रुप में,जिसमें सुर लय तान।। अथर्ववेद है तंत्र का,अनुपम अतुलित जाप।कभी जगत को दे सजा,कभी हरे संताप।। चारों वेदों में … Read more
हे नारी तू खास है
चोका:- नारी तू खास है★★★★★ हर युद्ध काजो कारण बनतालोभ, लालचकाम ,मोह स्त्री हेतुपतनोन्मुखइतिहास गवाहस्त्री के सम्मुखधाराशायी हो जाताबड़ा साम्राज्यशक्ति का अवतारनारी सबला।स्त्री चीर हरण सेकौरव नाशमहाभारत कालरावण अंतसीता हरण करस्त्री अपमानहर युग का अंत।आज का दौरनारी सब पे भारीगर ठान लेदिशा मोड़े जग कासहनशीलप्रेम त्याग की देवीधैर्य की धागाबांधकर रखतीदेवों का वासतेरे आस पास … Read more
ओ नारी- मनीभाई नवरत्न
ओ नारी- मनीभाई नवरत्न जिन्दगी चले ना, बिन तेरे ओ नारी!उठा ली तूने, सिर अपने ऐसी जिम्मेदारी । मर्दों ने नाहक किये खुद पे ऐतबार ।सच तो यह है कि नारी होती जग की श्रृंगार ।महक ऐसे , फूल जैसे खिल उठे क्यारी क्यारी ।रोशन होता रहे तेरा जी, फैले ज्ञान की चिनगारी ।। संयमित … Read more