मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां- पदमा साहू

मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां

मोर जनमभूमि के भुंईयां मा माथ नवावंव गा।
मोर छत्तीसगढ़ के भुंईयां मा माथ नवावंव गा।।
जनम लेंव इही माटी मा ,,,,,2
इही मोर संसार आवय गा–
मोर…………………

इंहा किसम- किसम के बोलबाखा मय छत्तीसगढ़िया हावंव।
छत्तीसगढ़ म मोर जनम भूमि,
मय एला माथ नवावंव।
पले- बढे हों इही माटी मा,,,,2
एला कईसे मय भुलावंव गा —
मोर………………………

संगवारी मन के मया बंधे
संग मा खेले- कुदे जावंव।
मया पिरित के डोरी ला,
कईसे मय बिसरावंव।
दाई- ददा के कोरा इही भुंइयां मा,,,2
एकर करजा कईसे चुकावंव गा –
मोर……………….……………

बाग- बगीचा अउ अमरईया,
खेती -खार मय जावंव।
दाई -बबा के संग नइ छोड़ेंव,
पीछु – पीछु मय जावंव।
पढ़े लिखेंव इही भुंइयां मा,,,2
ग्यान के गठरी बांधेंव गा-
मोर………………..……………

श्रीमती पदमा साहू
खैरागढ़, जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़।

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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