आओं खेलें सब खेल

आओं खेलें सब खेल

आओं खेलें सब खेल
poem on kids game

आओं खेलें सब खेल ।
बन जाओ सब रेल।
छुक छुक करते जाओ ।
सवारी लेते जाओ ।
कोई छुट  ना जाए ।
हमसे रूठ ना जाए ।
सबको ले जाना जरूरी ।
तय करनी लम्बी दूरी ।
सबको मंजिल पहुंचायेंगे ।
घुम फिरकर घर आयेंगे ।

मनीभाई नवरत्न

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *