Month: September 2020
ऊर्जा संरक्षण
ऊर्जा संरक्षण (1)ऊर्जा सदा बचाइये,सीमित यह भंडार।धरती का वरदान है,जग विकासआधार। जग विकास आधार ,समझ कर इसे खरचना।बढ़े नहीं यह और ,सोचकर सभी बरतना। गीता सुन यह बात,चले सब दिन कल-पुर्जा।होगा संभव तभी,रहे जब रक्षित ऊर्जा।। (2)सूरज ऊर्जा पुंज है,इसका हो उपभोग।ऊर्जा संरक्षण करें,ले … Read more
छतीसगढ़ दाई
छतीसगढ़ दाई गमकत हे संगाती चंदन समान माटी नदिया पहाड़ घाटी छतीसगढ़ दाई। लहर- लहर खेती हरियर हीरा मोती जिहाँ बाजे रांपा-गैंती गावै गीत भौजाई। भोजली … Read more
युवा वर्ग आगे बढ़ें
युवा वर्ग आगे बढ़ें छन्द – मनहरण घनाक्षरी युवा वर्ग आगे बढ़ें, उन्नति की सीढ़ी चढ़ें, नूतन समाज गढ़ें, एकता बनाइये। नूतन विचार लिए, कर्तव्यों का भार लिए, श्रम अंगीकार किए, … Read more
धरती हमारी माँ
धरती हमारी माँ हमको दुलारती है धरती हमारी माँ। आँचल पसारती है धरती हमारी माँ। बचपन मे मिट्टी खायी फिर हम बड़े हुए। जब पाँव … Read more
अयोध्या मंदिर निर्माण
राम जन्मभूमि मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि के पवित्र तीर्थ स्थल पर पुनः नए रूप में बनाया जा रहा हेैं। राम जन्मभूमि राजा राम का जन्मस्थान है, जिन्हे भगवान विष्णु के सातवे अवतार के रूप में पूजा जाता है। मंदिर का निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र द्वारा किया जाएगा। अयोध्या मंदिर निर्माण अवधपुरी भगवा हुई, भू-पूजन की धूम। भारतवासी के हृदय, आज रहे … Read more
प्रकृति पर कविता
प्रकृति पर कविता सप्त सुरीला संगीत है , प्रकृति का हर तत्व । सजा देता यह जीवन राग, भर देता है महत्त्व। एक एक सुर का अपना ,अलग ही अंदाज है । समझना तो पड़ेगा हमें ,अब तो इसका महत्व ।। समय आने पर सब कुछ जता देती है ये हमें कहीं गुना ज्यादा राज … Read more
बापू पर कविता
बापू पर कविता ये राष्ट्र सदा ऋणी रहेगा,बापू तेरे उपकार का।तू लाल भारत भूमि का,आदर्श बना संसार का।। वृद्ध वयस और दुर्बल काया,कोई ऐसी तो बात थी।हुंकार भरा जब-जब तूने,जनता तेरे साथ थी।नाव बनाया जनसमूह का,तू उसका पतवार था।तू लाल भारत भूमि का,आदर्श बना संसार का।। सत्य को अस्त्र बनाया तूने,अहिंसा तेरा शस्त्र बना।ऐसी क्या … Read more
लक्ष्मी माता की आरती
लक्ष्मी माता की आरती ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता॥ ॐ जय… उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय… तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता।जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता॥ ॐ जय… तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता॥ ॐ जय… जिस घर तुम रहती, तहं … Read more