सूरज देता रौशनी हर कर तम का भार

सूरज देता रौशनी  हर कर तम का भार सूरज देता रौशनी, हर कर तम का भार।लेकर के आगोश में, करता दिन विस्तार।। नभ में लाली छा गई, लेकर नव मुस्कान।जीव-जंतु जगने लगे, जगने लगा किसान।। उदर पूर्ति करने चले, छोड़े सभी मकान।दिन भर श्रम को पूजते, आया नहीं थकान।। समय साथ होता तभी, राही हो … Read more

छंद की परिभाषा

छंद की परिभाषा छंद शब्द ‘चद्’ धातु से बना है जिसका अर्थ है ‘ आह्लादित ” , प्रसन्न होना।‘वर्णों या मात्राओं की नियमित संख्या के विन्यास से यदि आह्लाद पैदा हो, तो उसे छंद कहते हैं’।छंद का सर्वप्रथम उल्लेख ‘ऋग्वेद’ में मिलता है। छंद के अंग- 1.चरण/ पद- छंद के प्रायः 4 भाग होते हैं। … Read more

प्रात: नमन माता को करना (चौपाई)-बाबू लाल शर्मा “बौहरा”

प्रात नमन माता को करना (चौपाई)-बाबू लाल शर्मा “बौहरा”