Month January 2021

केंवरा यदु मीरा: मन से तृष्णा त्याग

केंवरा यदु मीरा: मन से तृष्णा त्याग मन से तृष्णा त्याग कर,जपे राम का नाम ।हो तृष्णा का जब शमन,मिले मोक्ष का धाम ।। तृष्णा मन से मारिये ,बन जाता है काल।कौरव को ही देख लो, कितना किया बवाल ।।…

एक बात है जो भूलती नहीं

एक बात है जो भूलती नहीं उम्र बढ़ रही है अक्ल नहीं अंकों के फेर में ।फिर भी इन्सान मशगूल है अपनी अंदरुनी उलटफेर में ।वास्तविकता से रूबरू होने का नाम नहीं होता।एक दूसरे को चोट पहुंचाए बिना काम नहीं…

हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम।

हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम।उम्मीदें रखो दिल पर छोड़ो ना लगाम। आंधी आ जाए ,घरोंदे टूट जाए।आंधी थमने दो, जो हुआ रहने दो।फिर से बनाओ अपना मुकाम ।।हर शाम…

एक पेड़ की दो शाखाएं

एक पेड़ की दो शाखाएं एक पेड़ की दो शाखाएं ,एक हरी तो एक सुखी ।एक तनी तो एक झुकी।।ऐसे ही जीवन में दो पहलू हैकोई जश्ने चूर है तो कोई दुखी।।जब तक होठों में प्यास है ।तब तक कोई…

ऑनलाइन पढ़ाई

ऑनलाइन पढ़ाई आ गई बोर्ड परीक्षा,फिर होगी रिजल्ट की समीक्षापढ़ाई ने सब को कर दिया handsup,सबकी पसंद है व्हाट्सएप।साल भर कोरोना में मस्त थे ,अब परीक्षा आने वाली है तो त्रस्त है।शिक्षकों ने खूब समझाया पढ़ो लो बेटा ,ऑनलाइन आ…

और शाम हो जाती है

और शाम हो जाती है हर सुबह जिंदगी को बुनने चलता हूं उठता हूं,गिरता हूं,संभालता हूं और शाम हो जाती है।अपने को खोजता हूं, सपने नए संजोता हूं पूरा करने तक शाम हो जाती है।जिंदगी तुझे समझने में, दिल तुझे…

स्वामी विवेकानंद

युवाओं के प्रेरणास्रोत- स्वामी विवेकानंद

युवाओं के प्रेरणास्रोत दिव्य सोच साधना से अपनी,पावन ज्ञान का दीप जलाया।सोए लोगों की आत्मा को,स्वामी जी ने पहली बार जगाया।भगवा हिंदुत्व का संदेश सुनाकर,भारत को विश्वगुरु बनाया।तंद्रा में सोई दुनिया के लोगों को,विश्वश्रेष्ठ विवेकपुंज ने जगाया। 11 सितंबर1893 को…

फ़र्रूख़ाबाद हमारा है

फ़र्रूख़ाबाद हमारा है ऐतिहासिक भूमि है,हमें प्राणों प्यारा है।वीरों को जन्म देने वाला,फ़र्रूख़ाबाद हमारा है। साहित्य के क्षेत्र में,यहां की महादेवी जी सितारा हैं।छायावाद का सहयोगी,फ़र्रूख़ाबाद हमारा है। चीन, आस्ट्रेलिया और श्रीलंका ने,यह जनपद निहारा है।बौद्ध धर्म का तीर्थस्थल,फ़र्रूख़ाबाद हमारा…

अगर करो तुम वादा मुझसे

अगर करो तुम वादा मुझसे मरुधर में भी फूल खिलादूँपर्वत को भी धूल बनादूँअगर करो तुम वादा मुझसेप्राण ! मेरे संग चलने का । हँस-हँसकर शूल चुनूँ पथ केपलकों की नाजुक उँगली सेबणीठणी-सा चित्र उकेरूंमग पर करुणा कजली से डगर-डगर…