घबराना नहीं है तुमको – कविता
इस कविता में जीवन संघर्ष के दौर में भी खुद पर भरोसा रखने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया है |
घबराना नहीं है तुमको – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस कविता में जीवन संघर्ष के दौर में भी खुद पर भरोसा रखने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया है |
घबराना नहीं है तुमको – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस रचना के माध्यम से जीवन में फूलों के साथ काँटों के साथ जीने के लिए प्रेरित किया गया है और किसी भी स्थिति में न घबराने के लिए और संघर्ष के लिए प्रेरित किया गया है |
करो जो बात फूलों की – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस कविता के माध्यम से बच्चों में संस्कार अगाने का प्रयास किया गया है | साथ ही बच्चों को अपने सपने कैसे साकार करना है और अपनी मंजिल कैसी प्राप्त करनी है हेतु प्रेरित किया गया है |
बात मेरी मान लो मेरे प्यारे बच्चों तुम – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस कविता में वीरों की कुर्बानियों की ओर ध्यान केन्द्रित कराने की एक कोशिश की गयी है |
हंगामा क्यों कर रहे हो तुम – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस कविता के माध्यम से जिन्दगी को एक अलग मुकाम पर स्थापित करने का एक प्रयास है |
आओ चलें कुछ दूर – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”