
दोहा पंचक
दोहा पंचक -रामनाथ साहू ननकी किन्नर खूब मचा रहे , रेलयान में लूट ।कैसी है ये मान्यता , दी है किसने छूट ।। जल थल नीले गगन पर ,, मानव का आतंक ।दोहन जो करता मिले , सागर को ही…
दोहा पंचक -रामनाथ साहू ननकी किन्नर खूब मचा रहे , रेलयान में लूट ।कैसी है ये मान्यता , दी है किसने छूट ।। जल थल नीले गगन पर ,, मानव का आतंक ।दोहन जो करता मिले , सागर को ही…
ये है मेरा वतन ये है मेरा वतन मेरा गंगा जमन ।ये देश है गौतम गांधी काये देश है नेहरू शास्त्री कायहाँ तिरंगा प्यारा है।यहाँ गंग यमुन की धारा है ।ये मेरा तन मन मेरा जीवन । ये है मेरा…
हे मां शारदे रोशनी दे ज्ञान की हे मां शारदेरोशनी दे ज्ञान कीतू तो ज्ञान का भंडार हैहाथों में वीणा पुस्तकहंस वाहनी ,कमल धारणीओ ममतामयी मांइतनी कृपा मुझ पर करनामैं सदाचारी बनूंसत्य पथ पर ही चलूंविरोध क्यूं अन्याय कामुस्किलों में भी…
बापू जी तुम्हें नही भूले हम भूल गये रे हर बात,बापू जी तुम्हें नही भूले।सब कुछ किया देश के नामतुम्हारे सब काम नही भूले।।हम भूल गये रे……………। संघर्ष करके जीना सिखाया,अपनें वतन को बचाया।सब कुछ हमनें पाया मगर,तेरे साथ ना…
देखो न मुझे बुखार है देखो न मुझे बुखार हैया ये तेरा ही खुमार हैदिल को तेरा रोग लग गयादिल बेचारा बीमार है धड़कने बढ़ें और कभी थमेदेखूँ जो तुम्हें तो बोलो क्या हुआ हमेंहर जगह ही तुम दिखते हो…
वतन का नमक इस जहां से सुकून,हमने कभी पाया तो हैचमन का कोई गुल,हिस्से मेरे आया तो है लफ़्ज मेरे लड़खड़ाये,सामने तूफां पाकरफिर भी तरन्नुम में , गीत कोई गाया तो हैतख़्त पर बैठे हमने,तपन के दिन बितायेजरा-सा प्रेम का,बादल…
ओ मोरे घनश्याम साँवरे ओ मोरे घनश्याम साँवरेओ मोरे घनश्याम साँवरेबिन दर्शन हम हो गए बावरेबिन दर्शन हम हो गए बावरेमोरे घनश्याम ओ मोरे श्यामओ मेरे….दूखन लागे हमरे नैनातुम बिन कान्हा अब नहीं चैनादिन गुज़रे न कटती रैनासुबह से हो…
सूनापन पर गीत आजाओ न तुम बिन सूना सूना लगता हैन जाओ न तुम बिन सूना सूना लगता हैजिसकी डाली पे हम दोनों झूला करते थेवो झूला वो बरगद सूना सूना लगता हैदिन में तुम्हारा साथ रात में ख़्वाब होते…
मोहब्बत पर गीत मोहब्बत जन्म से कुदरत के कण कण में समाई है।मोहब्बत पीर पैगम्बर सूफियों की बनाई है।।कोई शक्ति मिटा पायी नहीं जड़ से मोहब्बत को,मोहब्बत देवताओं से अमर वरदान पाई है।। मोहब्बत बहनों की राखी भाइयों की…
हम कहाँ गुम हो गये हम कहाँ गुम हो गयेमोह पाश में हम बंधे,नयनों मे ऐसे खो गये।रही नहीं हमको खबर,हम कहाँ गुम हो गये।।इंद्र धनुष था आँखों में,रंगीन सपनों में खो गये।प्रेम की मूक भाषा में,हम कहाँ गुम हो…