नज़र की नज़र से
नज़र की नज़र से नज़र की नज़र से मुलाक़ात होगीहज़ारों सवालों की बरसात होगीबयाँ हर सबब हिज़्र का वो करेंगेकि हर बेगुनाही की इस्बात होगीसर-ए-राह हमसे जताना न उल्फ़तगिरेंगे जो आँसू तो आफात होगीनज़र फ़ेर ली तुमसे हमने कहीं जोअदब…
नज़र की नज़र से नज़र की नज़र से मुलाक़ात होगीहज़ारों सवालों की बरसात होगीबयाँ हर सबब हिज़्र का वो करेंगेकि हर बेगुनाही की इस्बात होगीसर-ए-राह हमसे जताना न उल्फ़तगिरेंगे जो आँसू तो आफात होगीनज़र फ़ेर ली तुमसे हमने कहीं जोअदब…
23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी। महात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948…
गीत नवगीत लिखें ग़ज़ल रुबाई या फिर कविता, भले गीत नवगीत लिखें। मन के भाव पिरोते जायें, जैसा करें प्रतीत लिखें। देख बदलते अंबर के रँग, काव्य तूलिका सदा चले।छाया से सागर रँग बदले, लहरें तट से मिलें गले।लाल गुलाबी…
अंतरात्मा पर कविता मेरा संबंध तुमसेअंतरात्मा का है।हाँ बाहृा जगत मेंहम पृथक ही सही,न दिखे ये रिश्ताजग में कहींमन का जुड़ावमन से तो है ।मेरा संबंध तुमनेअंतरात्मा का है।भू से अंबर तकहर जगह तुममेरी नजरों में हो।मेरी हर धडकन में…
सरस्वती वन्दना विनती करता हूँ शारदे माता,विद्या का हमको वरदान दे दे।हम झुके तेरे चरणों में निशदिन,तेरा आसरा हम सबको दे दे।विनती———हर वाणी में सरगम है तेरा ,तू हमें स्वर का राग सिखा दे।हर गीत बन जाए धड़कन,नृत्य पे सुर…
यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। मेरी तीन माताएँ नौ…
ओ तरु तात सुन ले ओ!तरु तात!सुन लेमेरी वयस और तेरी वयस का अंतर चिह्न लेमैं नव अंकुर,भू से तकतातेरे साये में पलतातू समूल धरा के गर्भ में जम चुका। माना ,तेरी शाखा छूती जलद कोमधुर स्पर्श से पय-नीर पान…
चाहत को तुम पलकों में छुपाया न करो सुनो न सुनो न ऐसे तड़पाया न करोपास बुला के दूर को हटाया न करोआख़िर इतना क्यों इतराते रहते होकितनी बार कहा है भाव खाया न करो गैरों से हंस हंस के…
सादा जीवन की अभिलाषा संयम के संग जीना चाहा,सँकल्प किया था मैने भी!सादा जीवन की अभिलाषा,कभी पाली थी मैने भी! जीवन रथ की चाल बैढँगी,कठिन डगर पर चला गया!मन के मेरे सब वादों को,पल पल मितवा छला गया!रिश्ते नातों की…
भारत मां के सपूत (1)तिलक लगाकर चल, भाल सजाकर चल।माटी मेरे देश की, कफ़न लगाकर चल।देश में वीर योद्धा जन्मे, मच गई खलबल।भारत मां के सपूत है ,आगे चल आगे चल। (2)भगत ,चंद्रशेखर, सुखदेव थे क्रांतिकारी दल।अंग्रेजो के नाक में…