बहारें तुझ से आई है

बहारें तुझ से आई है

बहारें तुझ से आई है

kavita


बहारें तुझ से आई है,

यह दिल तुझ पर ही मरता है
बहुत है दर्द इस दिल में
प्यार तुझसे ही करता है ।

मुझे तुम राधा दिखती हो
सांवरा तेरा बन जाऊं ।
अगर तुम दिल से कह दो तो मैं
सेहरा बांध कर आऊं।।

गले से तुम लगा लेना
यह आशिक तुमसे कहता है
बहारें तुझसे आई है
यह दिल तुझपे ही मरता है।।

तेरी शोहरत को सुनकर के
दिल को दासी बना दूंगा
हुआ दीदार जो तेरा तो
दिलकाशी बना लूंगा।
तेरे जुल्फों के साए से मैं
सावन को बुला लूंगा ।।
तेरे चाहत की ख्वाहिश को मैं
वृंदावन बना दूंगा।।

यही अफसोस है यारों,
वह मुझसे रूठ जाती है ।।
बुलाओ प्यार करने को तो ,
हंसकर भाग जाती है ।
जादू उसकी जुल्फों में ,
दिल उसी में मस्त रहता है।
बहारे तुझ से आई है ,
यह दिल तुझ पर ही मरता है ।।

(अर्जुन श्रीवास्तव)
उत्तर प्रदेश
जिला सीतापुर

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  1. Mya Khun Surat Laine hai sap air sage badhe Bhai MERI shubh kamnaye Aapke Sarah hai

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