शाकाहार सर्वोत्तम
शाक कंद मूल जब सृष्टि ने दिया
तो क्यों किसी को काट के खाएं
श्रेष्ठ गुणों से भरे ये शाक कंद
औषधियों के काम में भी आए।।
शाकाहारी बन शाकाहार खा मानव
सर्वोच्च श्रेणी मे तब तू आए
प्रच्चुर मात्रा में शाक से खाकर
शक्ति, रक्त शरीर का तेरा बढ़ जाए।।
उठा पलट पढ़ इतिहास के पन्ने
पहले मानव कंद फल ही थे खाएं
बलवान इतने की जीते वो युद्ध
आज उनके गुण लोकगीतों में समाए।।
सर्वोत्तम सृष्टि का वरदान शाक भाज
क्यों किसी के वद्य , का पाप कमाए।।
रहता है तू राम देश के शहर मे सनातनी
देख चौदह वर्ष राम शाक खा जंगल मे बिताए।।
सीख इतिहास से मानव कुछ तो तू
सनातन धर्म में वद्य नर्क द्वार दिखाएं।।
खा सर्वोत्तम गुणों से भरपूर शाकाहारी
तभी तू मानव धर्म निभाता संस्कारी कहलाए।।
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र
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