आत्म निर्भर भारत/हरि प्रकाश गुप्ता, सरल
आओ मिलकर एक साथ सब
ये सौगंध खायें।
अपने भारत को हम आत्म निर्भर
बनायें।।
किसी चीज की कमी न हो
हर चीज भारत में बनायें।
खेती, वैज्ञानिक, औद्योगिक क्षेत्र,
हर क्षेत्र में आगे आयें।।
चीन से भी सबक सीख
हम सबसे आगे आयें।
सुई से लेकर हवाई जहाज, मिसाइल
सभी भारत में ही बनायें।।
ऐसा आत्म निर्भर भारत बने
बाहरी देशों से फिर न कुछ मगायें।
भारत में ही रोजगार बढ़े
न हम दूसरे देशों में जायें।।
खेल कूद और सिनेमा ग्राफी में
भी आत्म निर्भरता लायें।
सही सही खेलने बालों हों चयनित
ऐसा कुछ नियम बनायें।।
भाई भतीजावाद से दूर रहें
योग्यता के आधार पर आगे आयें।
जिसकी जितनी योग्यता
मंजिल उतनी अच्छी पायें।।
न चिंता पाकिस्तान की और न
डरें चीन बेइमान से।
हिंदी चीनी भाई भाई कहकर
छुरी घौंपे पीठ पीछे तान से।।
ये सभी संभव होगा जब
आत्म निर्भर भारत बनेगा शान से।
सबसे पहले भ्रष्टाचार को
जड़ से दूर भगायें।
सबसे बड़े ये ही कदम
पहले उठायें।।
आओ मिलकर एक साथ सब
ये सौगंध खायें।
अपने भारत को हम आत्म निर्भर
बनायें।।
कृषि प्रधान देश है भारत
कृषि की तरक्की के उपाय खोजकर लायें।
चाहे कोई भी सामग्री हो
अपने भारत में बनायें।।
हर हाथ रोजगार हो
हर मजबूत बनायें साथ।
देश की दौलत देश में
बाहरी ताकतों के बिल्कुल
न आये हाथ।।
जब हर हाथ काम मिले तो
होंगे आत्म निर्भर सभी
देखे थे जो सपने शहीदों ने
वो पूरे हों अभी
आत्म निर्भर बनेगा भारत
खुशियां बिखरेंगी चारों दिशायें।
आत्म निर्भर भारत की खुशबू से
महकेंगी हवायें।।
आओ मिलकर एक साथ सब
ये सौगंध खायें।
अपने भारत को हम आत्म निर्भर
बनायें।।
शिक्षा क्षेत्र में जोर लगाकर
मजबूत इसे बनायें।
सभी पढ़ाई-लिखाई करें
आत्म निर्भर भारत बनायें।
बीमार होने पर भी विदेशों में न पड़े जाना
अस्पताल सभी यहां सुविधाएं युक्त बनाये जायें।।
आओ मिलकर एक साथ सब
ये सौगंध खायें।
अपने भारत को हम
आत्म निर्भर बनायें।।
सभी के अधिकार समान रहें
न कुछ भी मुफ्त में बांटा जाये।
सभी को काम करने की आदत हो
ऐसी राह बनायें।।
एक एक बूंद से घरा भरता है
बेकार न कुछ जाने पाये।
सरकारी संपत्ति अपनी ही ही
ये नष्ट होने न पाये।।
इसे सरकार तो सभाल रही
संभालने इसे हम भी आगे आयें।।
धोखा, बेईमानी और छल कपट को
न अपना हथियार बनायें।।
आत्म निर्भर भारत बनाने
हम सब कदम से कदम मिलायें।।
जय हिन्द
जय आत्म निर्भर भारत
हरि प्रकाश गुप्ता *सरल *
भिलाई छत्तीसगढ़