कोरोना पर कविता
वुहान चीन से फैल कोरोना ,
दुनियाभर में हाहाकार मचाया ।
छोटे बड़े सभी देशों में,
खलबली मचाया ।।
इटली अमेरिका जैसे,
देश भी बच नहीं पाये ।
विश्व के कोई देश,
अपने को बचा नहीं पाये।।
घर में रहकर,
लॉकडाउन का पालन करना होगा।
परिवार को सुरक्षित रख,
देश को बचाना होगा ।।
कोरोना से बचने,
मास्क,सेनेटाइजर लगाना होगा ।
अपना कर्तव्य समझ ,
जिम्मेदारी निभाना होगा ।।
स्वयं जागृत होकर,
समुदाय को जागृत करना होगा।
कोरोना संक्रमित व्यक्ति को,
देश हित मे पहचान बताना होगा।।
कोरोना से डरना नही हैं।
मिलकर कोरोना को हराना है।।
घर से बाहर नही जाना हैं।
हाथ किसी से नहीं मिलाना हैं।।
वैदिक संस्कृति अपनाना हैं।
सादर नमस्कार करना हैं।।
तेज बुखार सुखी खांसी,
चिकित्सक को दिखाना निहायती जरुरी ।
छींकते खांसते वक्त,
रुमाल से ढकना जरूरी ।।
कोरोना से नहीं डरना है।
समाजिक दूरी मे रहना है ।।
जब तक बनाएंगे समाजिक दूरी।
परिवार मे रहेगी खुशहाली।।
लॉकडाउन मे रह,
सरकार के निर्देशों का पालन करना है।
सतर्क रहकर,
दूसरो को भी सतर्क करना हैं।।
कोरोना से नहीं डरना है ।
देशहित मे कर्तव्य निभाना है।।
चिकित्सक सहकर्मी,सफाईकर्मी,
पुलिस,सेना सबका हो सत्कार।
देवदूत बन कर आये ये,
करो न इनका तिरस्कार।।
देश सेवाभाव वाले,
कोरोना कर्मवीरों को जानो।
कर्तव्यपथ पर अग्रसर,
योद्धाओं का सम्मान करो।।
फूलों की वर्षा देवदूतों पर हो।
हमारा भारत कोरोना मुक्त हो।।
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स्वरचित कविता:-
रचनाकार:-प्रेमचंद साव “प्रेम”
बसना,मो.नं.8720030700
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