आगे आगे तीजा तिहार आगे – मनीभाई नवरत्न

आगे आगे तीजा तिहार आगे – मनीभाई नवरत्न

ऐ दीदी ओ,  ऐ बहिनी ओ।
आगे आगे तीजा तिहार आगे।।

सावन भादों सुख के देवय्या।
झमाझम बादर चले पुरवय्या।।
डारा पाना ह सबो हरियागे।
आगे आगे तीजा तिहार आगे।।

झूलेना बने हे  सुग्घर पटनी।
धरे रहव जी दवरा के गठनी।
ठेठरी खुरमी अउ खारा कटनी।
भजिया सुहाथे लहसून के चटनी।
नोनी बाबू ऐदे खाये झपागे।
आगे आगे तीजा तिहार आगे।।

सवनाही गीत गाथे सहेली।
ताली बजा के ,पुछे पहेली।
कोधार कोधार के पूछत हे।
उत्तर मोला नइ सुझत हे।
धनी के सूरता म ऐदे बुधि गंवागे।
आगे आगे तीजा तिहार आगे।।

हाथ रचे बर मेंहदी पीसागे।
तीजा लय बर लुगरा बिसागे।
सुग्घर सुग्घर पोरा के बैइला
बेचाय बर देखव जल्दी लेसागे।
धानी चुनरिया ओढ़े भुंइया मन मोहागे।
आगे आगे तीजा तिहार आगे।।

मनीभाई नवरत्न बसना महासमुंद छत्तीसगढ़

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

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