मनोरमा चंद्रा के दोहे

मनोरमा चंद्रा के दोहे

मनोरमा चंद्रा के दोहे मिथ्या मिथ्या बातें छोड़कर, सत्य वचन नित बोल।दुनिया भर में यश बढ़े, बनें जगत अनमोल ।। अपने मन में ठान कर, मिथ्या का कर त्याग।जीवन कटे शुकून से, समय साथ लो जाग।। सत्य झूठ में भेद अति, करलो सच पहचान।जीवन में हो सत्यता, बनो श्रेष्ठ इंसान।। झूठा बनकर...

बीज मनुज का शैशव है-रेखराम साहू

बीज मनुज का शैशव है आभासी परिदृश्यों से अब,हुआ प्रभावित बचपन है।नयी दृष्टि है,सोच नयी है,विश्व हुआ अधुनातन है!! परिवेशों से अर्जित करता,सद्गुण-दुर्गुण मानव है।युगों-युगों से तथ्य प्रमाणित,बीज मनुज का शैशव है।।शैशव में पोषित मूल्यों से ,बनता भावी जीवन है.. बिना...
मां का स्पर्श -सुशी सक्सेना

मां का स्पर्श -सुशी सक्सेना

मां का स्पर्श -सुशी सक्सेना माँ पर कविता न दवा काम आई, और न दुआ काम आईजब भी जरूरत पड़ी तो, मां काम आईमां का स्पर्श होता है, एक दवा की तरहजिसके मिलते ही मिट जाते हैं सारे ज़ख्ममां का स्पर्श होता है, उस दुआ की तरहजिसके लगते ही दूर हो जाते हैं सारे ग़म जो बरसता है अमृत...

जस्टीशिया(न्याय की देवी) -रेखराम साहू

जस्टीशिया(न्याय की देवी) -रेखराम साहू न्याय की अवधारणा,प्रतिमूर्ति में साकार है।ग्रस्त जो अन्याय से,उनका लिखा उपचार है।। नेत्र की पट्टी प्रदर्शित कर रही निश्पक्षता।है तुला,हो न्याय में व्यवहार की समकक्षता।।न्याय के रक्षार्थ कर में शक्ति की तलवार है… शेष कितना मूल्य...

श्याम कैसे मिले राधा से – स्वपन बोस

श्याम कैसे मिले राधा से-स्वपन बोस श्याम कैसे मिले राधा से।राधा कृष्ण तो एक है ,फिर भी श्याम जुदा है राधा सेश्याम कैसे मिले राधा से,,,,,,। प्रेम की ये कैसी पीड़ा है आंसू हैं विरह के दोनों ओर , जैसे जल बिन मीन तरसे।बीन मेघ सावन में प्रेम की आंसू बरसें।श्याम कैसे मिले...