काम करो भाई काम करो — अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना के माध्यम से मैं लोगों को परिश्रम हेतु प्रेरित करने का एक प्रयास कर रहा हूँ । साथ ही परिश्रम आपको जिंदगी में क्या मुकाम दिला सकता है इस ओर सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ । काम करो भाई काम करो - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

कहाँ से छेड़ूँ फ़साना , कहाँ तमाम करूँ – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

कहाँ से छेड़ूँ फ़साना , कहाँ तमाम करूँ - कविता - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम" इस कविता के माध्यम से मैं जिंदगी के विभिन्न पहलुओं की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ ।

मुझे वो अपना गुजरा ज़माना याद आया – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

मुझे वो अपना गुजरा ज़माना याद आया, कविता, अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम" - यह रचना बचपन की यादों का एक झरोखा है । बचपन की खट्टी - मीठी यादों को पंक्तिबद्ध करने का एक प्रयास किया गया है ।

शिव की महिमा

कविता बहार-कविता लेखन प्रतियोगिता कविता लेखन प्रतियोगिता-2021 प्रतियोगिता अवसर-फाल्गुन कृष्ण 13 महाशिवरात्रि प्रतियोगिता विशेषांक-शिवजी की महिमा प्रस्तुत कविता शिव की महिमा भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

मैं न हिन्दू हूँ , न मुसलमान हूँ – कविता – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता के माध्यम से कवि धर्म से ऊपर उठ इंसानियत को तवज्जो दे रहा है और इस पंक्तियों के माध्यम से भीतर के इंसान को बहुत ही खूबसूरत ढंग से पेश कर रहा है |

मेरी कलम से पूछो – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना के माध्यम से कलम अपने दर्द को किस तरह बयाँ कर रही है को बेहतर तरीके से पंक्तिबद्ध करने की एक कोशिश की गयी है |