गुलबहार -माधुरी डड़सेना

गुलबहार होश में हमीं नहीं सनम कभी पुकार अबहो तुम्हीं निगाह में हमें ज़रा निहार अब । वक़्त की फुहार है ये रोज़ की ही बात है दिल मचल के कह रहा मुझे तुम्हीं से प्यार अब। खिल उठा गुलाब है चमन में रौनकें सजी हर गली महक रहा कि चढ़ रहा खुमार अब। अजीब … Read more

नशा नाश करके रहे- विनोद सिल्ला

यहां पर नशा नाश करके रहे , जो कि नशा मुक्ति पर लिखी गई विनोद सिल्ला की कविता है। नशा नाश करके रहे नशा नाश करके रहे,नहीं उबरता कोय।दूर नशे से जो रहे, पावन जीवन होय।। नशा करे हो गत बुरी, बुरे नशे के खेल।बात बड़े कहकर गए,नशा नाश का मेल।। नशा हजारों मेल का, … Read more

प्लास्टिक मुक्त दिवस पर दोहे-अंचल

doha sangrah

आज प्लास्टिक ने हमारे पर्यावरण के लिए बहुत खतरा पैदा कर दिया है। तो जनजागृति हेतु यहां पर प्लास्टिक मुक्त दिवस पर दोहे दिया गया है प्लास्टिक मुक्त दिवस पर दोहे पन्नी की उपयोगिता,करें बन्द तत्काल।खतरा जीवन के लिए,जीना करे मुहाल।। धीमा विष है जगत में ,सेहत करे प्रभाव।आओ इनसे सब करें,रिस्ता खत्म लगाव।। जहर … Read more

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ये नारा बड़ अच्छा लगथे!ये नारा बनइया के मन भरमोर पैलगी करे के मन करथे !! जब छत्तीसगढ़िया मन..गुजराती लॉज/राजस्थानी लॉज म रुकथेहरियाणा जलेबी,बंगाली चाय के बड़ाई करथे बड़ अच्छा लगथे .!! जब छत्तीसगढ़िया मन.अपन घर म कोनों काम-कारज ल धरथेतब बीकानेर/जलाराम ले मन भर खरीदी करथेबड़ अच्छा लगथे!! जब … Read more

दारू विषय पर कविता

दारू विषय पर कविता दारू पिये ल झन जाबे समारूदारू पिये ल झन जाबे,,,,गली-गली जूता खाबे समारू दारू पिये ल झन जाबे ,,,,! नाली म परे,माछी ह झूमेमुँहू तैं फारे,कुकुर ह चूमेअब सुसु बर होगे *उतारू* समारूदारू पिये ल झन जाबे……! पिये ल बइठे,सङ्गी ह लूटेझगरा मताये,धर-धर कूटेबस मंदू ह देवय *हुँकारू* समारूदारू पिये ल … Read more